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जेल अधीक्षक नहीं देंगे पैरोल:जेल महानिदेशक अरविंद कुमार का आदेश-कैदी को पैरोल देने के पहले जेल मुख्यालय को देना होगी जानकारी, उसके बाद होगा निर्णय

 

जेल में बंद कैदियों को पेरोल पर छोड़ने के पहले जेल अधीक्षक को अब जेल मुख्यालय पर इसकी सूचना देना होगी। वहां से निर्णय होने के बाद ही कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा सकेगा। इसको लेकर जेल महानिदेशक अरविंद कुमार ने आदेश भी जारी कर दिया है। अभी तक जेल अधीक्षक स्वयं कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का निर्णय लेते थे।

सेन्ट्रल जेल से पैरोल पर आए एक कैदी और उसके साथी ने रंजिश में युवक की हत्या कर दी थी। मामले में एक आरोपी जो जेल से कुछ समय पहले ही छूटकर आया था वह फरार है, जबकि 120 दिनों की पैरोल पर आए मुख्य हत्यारे को पकड़कर पुलिस ने फिर से जेल भेज दिया था। इस मामले में भोपाल के अधिकारियों ने गंभीर मामलों में बंद कैदियों को सीधे पैरोल देने के मामले में रोक लगा दी है। जिसकी जानकारी एक पत्र द्वारा सभी को दी गई है। कोरोनाकॉल में प्रदेशभर की जेलों में बंद कैदियों को लंबी छुट्‌टी का पैराेल दिया गया था। इसे जारी रखने की बात जेल प्रशासन द्वारा की गई थी। कुछ समय पहले संयोगितागंज इलाके में कपिल मेव नाम के युवक की हत्या अजय चंदेल ने कर दी थी। जो जेल से 120 दिनों के पैरोल पर था। इस हत्याकांड के बाद पुलिस विभाग ने जेल प्रशासन को एक पत्र लिखा, जिसमें गंभीर मामलों में बंद कैदियों की पैरोल को सख्त किए जाने की बात कही। इस मामले में पहले जेल अधीक्षकों द्वारा ही फैसला लिया जाता था, लेकिन अब भोपाल से इसके लिए परमिशन लेना होगी। जिसमें किसी विशेष व्यवस्था के तह्त ही पैरोल दिया जा सकेगा।
जेल महानिदेशक ने लिखा था पत्र
जेल के महानिदेशक अरविंद कुमार ने इस मामले में एक पत्र लिखकर रोक लगाने की बात कही है। उन्होंने आपातकालीन पैरोल को लेकर भी सीधे तौर पर इंकार किया है। उनके मुताबिक अगर ऐसी स्थिती बनती है तो जेल मुख्यालय को इसकी जानकारी भेजना पड़ेगी। जिसके बाद निर्णय किया जाएगा। पत्र में पैरोल का दुरूउपयोग किए जाने को लेकर निर्णय लिए जाने की बात कही गई है। सेन्ट्रल व जिला जेल में अभी कई कैदियों के पैरोल अटके हुए है।

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