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इंदौर आई हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द, ऑपरेशन थिएटर सील, कल्चर की जांच में मिला बैक्टीरिया


 मध्य प्रदेश के इंदौर में इंदौर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन करने के बाद 11 लोगों की आंख की रोशनी जाने का मामला उजागर हुआ है। मामले में सात सदस्यीय जांच समिति गठित करने के साथ अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया गया है। वहां से लिए गए कल्चर की प्रारंभिक जांच में स्यूडोमोनास एरूजिनोसा नामक बैक्टीरिया मिला है। वहीं, मप्र के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए हैं।


मालूम हो, अंधत्व निवारण योजना के तहत धार से 12 और इंदौर से 2 मरीजों को 7 अगस्त को इंदौर आई हॉस्पिटल (निजी अस्पताल) लाया गया था। आठ अगस्त को ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद आंख में ड्रॉप डालने के बाद 11 मरीजों को दिखाई देना बंद हो गया। अस्पताल प्रबंधन ने एक दिन बाद भोपाल में विभाग के आला अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ (मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी) डॉ. प्रवीण जड़िया ने आठ दिन बाद भी इस घटना की सूचना कलेक्टर, संभागायुक्त व स्वास्थ्य मंत्री को नहीं दी। शनिवार को मामला उजागर होने के बाद अधिकारी हरकत में आए और पीड़ित मरीजों को चोइथराम नेत्र अस्पताल में भर्ती कराया गया


पहले धुंधला दिखाई दे रहा था


दौर आई अस्पताल में भर्ती गेंदालाल निवासी धार ने बताया कि सात अगस्त को ऑपरेशन किया गया। पहले बायीं आंख से धुंधला दिख रहा था। ऑपरेशन के दूसरे दिन दवाई डाली। उसके बाद से दिखाई देना बंद हो गया। डॉक्टर धीरे-धीरे रोशनी आने की बात कह रहे हैं


स्वास्थ्य मंत्री ने बनाई जांच टीम 


स्वास्थ्य मंत्री सिलावट ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर लोकेश जाटव, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. ज्योति बिंदल, सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया, डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. विजय भाईसारे व डॉ. राजीव चौधरी शामिल हैं। शनिवार दोपहर टीम के सदस्य डॉ. सुमित शुक्ला ने अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन थियेटर को पहले ही सील किया जा चुका है। अब यहां बैक्टीरिया जांच, औजारों में बैक्टीरिया जांच के लिए नमूने लिए जाएंगे। सिलावट ने मरीजों को रेडक्रॉस से 20-20 हजार स्र्पए की सहायता व सभी खर्च स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए जाने का आश्वासन दिया


ओटी पूरी तरह से संक्रमण रहित 


इंदौर आई अस्पताल के डॉ. सुधीर महाशब्दे ने बताया कि अस्पताल में हर साल 3500 के लगभग ऑपरेशन होते हैं। ऑपरेशन थियेटर को पहले से अधिक आधुनिक किया गया है। इसे बैक्टीरिया रहित भी किया जाता है। ऑपरेशन के बाद मरीजों को दिखाई नहीं दे रहा था। कल्चर जांच प्राइवेट लैब में कराई तो मरीजों की आंख पर स्यूडोमोनास एरूजिनोसा बैक्टीरिया का असर पाया गया। अब यह बैक्टीरिया कहां से आया, इसकी जांच की जानी है। ऑपरेशन में कोई भी गलती नहीं हुई है। प्रशासन को पूरा सहयोग व हर तरह की जांच में सहयोग करेंगे। कुछ मरीजों को अब धीरे-धीरे दिखना शुरू भी हुआ है


 


 


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