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किताबों से जानिए, क्यों अपने अंदर की आवाज को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए? ईमानदारी से भ्रम का संबंध कितना गहरा है?

आपको वही मिलेगा, जो आपके हित में है जब तक आप खुद ईमानदारी से स्वीकार नहीं करते कि आप वास्तव में क्या चाहते हैं, तब तक आप भ्रम की स्थिति में रहेंगे। यह भ्रम तब तक नहीं जाएगा जब तक आप यह विश्वास नहीं करते कि आप उस चीज के योग्य हैं, जो आप चाहते हैं। यदि वह आपके सर्वोच्च हित में है, तो वह अनुभव आपको जरूर मिलेगा। यह समझें कि जीवन में आपको वही मिलेगा जो आपके लिए उचित और आवश्यक है।

अपने भीतर की आवाज सुनने की कोशिश करें जो बात या घटना आपको बार-बार दुख देती है, उस पर ध्यान दें। सोचें कि वह आपको क्यों परेशान करती है। समस्या को समझें, उसका समाधान खोजें और उन सभी बुरे विचारों को छोड़ने का प्रयास करें। उत्तर न मिले तो आंखें बंद करें, अपने भीतर एक कल्पनात्मक दीप जलाएं और देखें कि भीतर से कौन-से शब्द या छवियां आपकी मदद करती हैं। अपने भीतर की आवाज को नजरअंदाज न करें। हर निर्णय के दूरगामी परिणाम भी होते हैं

अपने जीवन को सरल बनाने के लिए ‘ना’ कहना अभ्यास में लाएं। यह अपने आप में एक कठिन अनुशासन है, लेकिन लाभकारी भी है। यह बिल्कुल आसान नहीं होता। कुछ जरूरतें और अवसर ऐसे होते हैं जिनका उत्तर देना ही पड़ता है। हर निर्णय के दूरगामी परिणाम भी होते हैं। हम सब कुछ नियंत्रित नहीं कर सकते। लेकिन जब भी संभव हो, सादगी को चुनना हमारे जीवन में स्वतंत्रता का अनुभव जोड़ देता है।

जीवन में हर पल को थाम लें, यह मूल्यवान है जब आप वर्तमान क्षण में जीते हैं, तो अतीत और भविष्य से अपना जुड़ाव तोड़ देते हैं। आप बीते कल के पछतावे को एक ओर रख देते हैं और आने वाले कल के डर को पीछे छोड़ देते हैं क्योंकि अंततः ये पल अपनी मर्जी से आते हैं और चले जाते हैं। हर पल को थामना मूल्यवान हो सकता है। आखिरकार, क्या हमारा जीवन इन्हीं क्षणों की एक शृंखला नहीं है? इसलिए आप भी जीवन के हर पल को थाम लें।

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