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शराब ठेकेदार गोलीकांड की कहानी:तूने बहुत जल्दी पाला बदला और चल गई थी गोली , दो फायर हुए थे सिंडिकेट ऑफिस में

 

बांए तरफ सतीश बीच में चिंटू दांए और रितेश

19 जुलाई की दोपहर को विजय नगर थाना क्षेत्र स्थित सिंडिकेट ऑफिस में महज गोली इस बात पर चली थी कि मोहन ठाकुर ने अर्जुन ठाकुर के साथ व्यापार करना शुरू कर दिया था। जिस बात से नाराज होकर चिंटू ने पिस्टल निकालकर मोहन ठाकुर निकाली थी। पिस्टल देख केबिन में खड़ा युवक चिंटू की तरफ बढ़ा और उसने पिस्टल को छत की तरफ घुमा दिया। जिससे गोली छत पर होते हुए अर्जुन ठाकुर के पेट में जा लगी थी। और यहीं से शुरूआत हुई सिंडिकेट कारोबारियों के बीच विवाद की। लेकिन मामले में अभी भी अर्जुन ठाकुर ने जो पुलिस को बयान दिए है उसमे एके सिंह और पिंटू भाटिया पर आरोप लगाया है।

पुलिस की माने तो घटना वाले दिन सभी व्यापारी सिंडिकेट ऑफिस पर इकट्ठे हुए थे। जहां पर केबिन में बैठे हुए चिंटू ठाकुर ने आते से ही मोहन ठाकुर से बातचीत करते हुए पाला बदलने की बात कही थी। क्योंकि कुछ वर्ष पहले मोहन चिंटू ठाकुर और हेमू ठाकुर के लिए शराब का काम करता था। लेकिन 1 साल से मोहन ने अर्जुन ठाकुर के साथ काम करना शुरू कर दिया जिस बात की नाराजगी चिंटू और हेमू को थी। केबिन के अंदर गोली की आवाज सुनते ही बाहर खड़े शूटर रितेश और मोनू आए उस समय मोनू के हाथ में देसी कट्टे से था। जिसका फायर जमीन पर हुआ था

सोमवार रात सिंडिकेट ऑफिस में गोलियां चलाने वाले मुख्य शूटर रितेश करोसिया और चिराग ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था ।विजय नगर पुलिस ने मंगलवार शाम गैंगस्टर सतीश भाऊ, चिंटू ठाकुर, शूटर रितेश करोसिया और मोनू उर्फ सुजीत का महालक्ष्मी नगर में पैदल जुलूस निकाला था।

हेमू, एके सिंह और पिंटू भाटिया गिरफ्त से दूर

पुलिस अब मुख्य रूप से फरार हेमू ठाकुर की तलाश कर रही है। घटना के दौरान वह भी भाई चिंटू के साथ था। ऐसे ही एके सिंह और पिंटू भाटिया भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। हेमू के मामले में पुलिस को कुछ सूत्र मिले हैं, जिनके आधार पर उसकी घेराबंदी की जा रही है।

केबिन में बैठे थे सभी पार्टनर

सूत्रों की मानें तो सिंडिकेट ऑफिस में एके सिंह, पिंटू भाटिया, अंशुमन, अर्जुन ठाकुर, महेश राय, मुकेश शिवहरे, आशीष चौकसे, हेमू ठाकुर और चिंटू ठाकुर सहित दो गैंगस्टर भी मौजूद थे।

पहले दिन यह कारण आया था सामने

सूत्रों की मानें तो गांधीनगर नवदा पंथ सर्कल की शराब दुकान की देखरेख अर्जुन ठाकुर करता था। सोमवार सुबह इस दुकान का चार्ज अर्जुन से लेने के लिए हेमू ठाकुर अपनी टीम के साथ पहुंचा था। यहां हेमू ठाकुर के एक साथी ने दुकान में घुसते से ही वहां लगी वीरेंद्र ठाकुर (अर्जुन के पिता) की फोटो बाहर फेंक दी। इस बात की जानकारी अर्जुन ठाकुर को लगी और उसने हेमू ठाकुर को फोन लगाकर कहा कि अंकल.. आपने मेरे पापा की फोटो बाहर क्यों फेंक दी, जिस पर दोनों में कहासुनी हुई।

यह जानकारी सिंडिकेट के बड़े पार्टनर एके सिंह और पिंटू भाटिया को लगी। पिंटू भाटिया ने अर्जुन को फोन कर सिंडिकेट ऑफिस में बुलाया और कहा कि बैठ कर बात करेंगे। इसके बाद अर्जुन ठाकुर अपने साथियों के साथ विजय नगर थाना क्षेत्र स्थित सिंडिकेट ऑफिस पर पहुंचा। बाद में हेमू ठाकुर और उसके अन्य साथी आए थे।

सूत्र बताते हैं कि हेमू ठाकुर और उसके साथियों का प्लान था कि केबिन में घुसते ही हवाई फायर करना है, लेकिन आमना-सामना होते ही बहस बढ़ गई और पहले से ही मौजूद गैंगस्टर ने हवाई फायरिंग कर दी। इसमें एक गोली जमीन पर और दूसरी छत पर चलाई गई थी। वह दोनों लौटकर अर्जुन को जा लगी।


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