- बंगाली ब्रिज चौराहे के बीच में पिलर के स्ट्रक्चर बनाकर ट्रैफिक ट्रायल कर रहे
बंगाली चौराह ब्रिज के बचे हिस्से की पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव 25 जून को नई डिजाइन मांगेंगे। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह पहले अफसरों को सभी तकनीकी पहलुओं पर सर्वे करने के आदेश दिए थे, लेकिन वे अपनी पुरानी डिजाइन को सही साबित करने में जुटे हैं। बुधवार को ब्रिज के बीच के हिस्से में दो पिलर के स्ट्रक्चर खड़े किए। फिर देखा कि ट्रैफिक किस तरह से गुजरता है। सिग्नल लगाने के बाद ट्रैफिक कैसे निकलेगा इस पर भी सर्वे चल रहा है।
तकनीकी सर्वे नहीं किया
पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी के पीएस नीरज मंडलाेई के साथ बैठक में मंत्री तुलसी सिलावट ने बिना पिलर के स्ट्रक्टर बनाने की तैयारी का कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। ऑर्किटेक्ट अतुल सेठ ने भी अफसरों की इस कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
ऐसे सर्वे से कोई हल नहीं निकलेगा
- अफसरों को ट्रैफिक सर्वे के साथ पीपल्याहाना सहित बाकी फ्लायओवर की स्टडी कर रिपोर्ट तैयार करना थी।
- तकनीकी सर्वे की जगह अस्थायी स्ट्रक्चर बना दिया, ताकि मंत्री के सामने यह तर्क दिया जा सके कि बीच में पिलर बनने से ट्रैफिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- चौराहे पर मेट्रो ट्रेन के पिलर बनने के बाद वाली परिस्थिति और 5 साल बाद ट्रैफिक के बारे में सोच ही नहीं रहे हैं।
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