मुंगेर. बिहार के मुंगेर जिले के कटारिया में बकरी पालक महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं. सेवा भारत की पहल पर इन महिलाओं ने बकरी पालन को सिर्फ बेचने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसके दूध से सुगंधित साबुन बनाकर बाजार में धूम मचा दी है. SBI फाउंडेशन और ITC मिशन सुनहरा कल के सहयोग से नौ महिलाओं का स्वयं सहायता समूह (SSG) बनाया गया जो ‘अमूल्य गोट मिल्क सॉप’ तैयार कर रहा है. यह साबुन तीन फ्लेवर में उपलब्ध है और स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है.
इससे जुड़ीं महिलाएं बकरी का दूध 400 रुपये प्रति किलो बेचती हैं जिससे करीब 125 साबुन बनते हैं. साबुन बनाने के लिए टेक्नीशियन के साथ काम करने पर इन्हें मेहनताना मिलता है और साबुन बेचने पर कमीशन भी. इस तरह एक साथ तीन स्तरों पर कमाई हो रही है. बकरी पालक पार्वती बताती हैं, “पहले पति पर निर्भर रहना पड़ता था पर अब हम खुद कमा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद भी करते हैं.”सेवा भारत की इंचार्ज माया देवी कहती हैं कि SBI फाउंडेशन के फेलोशिप छात्रों ने इस साबुन की गुणवत्ता और पैकेजिंग को बेहतर बनाया.
एकसाथ तीन तरह की कमाई
बता दें कि दिल्ली से प्रशिक्षण लेकर सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद यह यूनिट शुरू हुई. जिला समन्वयक श्रद्धा ने बताया कि सेवा भारत और ITC ने महिलाओं को उन्नत बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया, जबकि SBI फाउंडेशन ने साबुन बनाने की यूनिट स्थापित करने में सहयोग किया. अब इस पहल को और विस्तार देने की योजना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बकरी पालक बहनें आत्मनिर्भर बन सकें. यह कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण का जीवंत उदाहरण भी है.
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