
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सीता के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण और पूजा-अर्चना के साथ हुआ। अनुभूति विजन केंद्र के मूक-बधिर बच्चों ने मां सीता के जीवन, उनके त्याग, पति-परायणता और जीवन मूल्यों को दर्शाते हुए रामायण की चौपाइयों का भावपूर्ण वाचन किया। इसके साथ ही मां जानकी के भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियों ने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
इंदौर सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की ऋतु झा, शारदा झा, सुष्मा झा, सोनी झा, श्वेता झा ने बताया कि इस अवसर पर कला, खेल, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थान के मूक-बधिर छात्र-छात्राओं को "सान्या मिश्रा स्मृति चिह्न" से सम्मानित किया गया। श्रीमती झा ने कहा कि यह आयोजन समूह की समर्पित कार्यकर्ता की हाल ही में दिवंगत पुत्री सान्या मिश्रा की स्मृति को समर्पित था।
सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की इन्दौर इकाई की महिलाओं ने भी मां सीता के भजनों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं और अनुभूति विजन केंद्र के बच्चों के बीच कपड़ों का वितरण किया। कार्यक्रम में अनुभूति विजन केंद्र की संचालिका चंचल सलारिया तथा हिंदी साहित्य की प्रोफेसर डॉ. सुनीता यादव विशेष रूप से उपस्थित रहीं। इंदौर के मैथिल समाज की महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इस आयोजन को यादगार बनाया। यह कार्यक्रम भक्ति, संस्कृति और सामाजिक समर्पण का एक अनुपम उदाहरण बनकर उभरा, जो मां सीता के आदर्शों को जीवंत करता रहा।
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