उज्जैन| मोहिनी एकादशी पर मां चामुंडा आकर्षक शृंगार किया गया। इस दिन देवताओं को भगवान विष्णु ने मोहनी रूप धारण कर अमृत पान कराया था। चामुंडा माता मंदिर के पुजारी पं. शरद चौबे ने बताया इस दिन समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश निकला था। मंथन देवता और असुरों ने किया था। ऐसे में अमृत असुरों के हाथ न लग जाए इसलिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत पिला दिया। पं. चौबे के अनुसार एकादशी महत्वपूर्ण होने से इस दिन दान-पुण्य करना चाहिए और मां शक्ति की आराधना करना चाहिए।
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