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सफलता की कहानी दीदी कैफे खोलकर मजदुर से मालिक बनने के सपने को साकार रूप देती मुन्नी खोखर

झाबुआ जिले के विकास थांदला के गांव खोखर खादन की रहने वाली मुन्नी खोखर की शुरुआत से आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं थी। उनको अपनी आजीविका चलाने के लिए अपने परिवार के साथ पलायन करके दूसरे राज्य में जाकर होटल में मजदूरी का कार्य करना पड़ता था। जिससे उनका जीवन व्यापान सही से नहीं हो पाता था। इस कारण मुन्नी खोखर एवं उनका परिवार बहुत परेशान था वो कई सालों से पलायन पर जाकर अपना जीवन व्यापन करते थे। जब उन्होंने अपने गांव में आजीविका मिशन के माध्यम से चले आ रहे स्वयं सहायता समूह के बारे में सुना तो गांव में आकर आजीविका मिशन की टीम से मुलाकात करके और आवश्यक जानकारी समूह के बारे में लेकर समूह का हिस्सा बनी। आजीविका मिशन की टीम ने उनकी कौशल और व्यवहार को देखते हुए उनको आगे बढ़ाने का फैसला किया मुन्नी ने ग्राम संगठन में अपनी मांग को समूह के माध्यम से रखवाकर सामुदायिक निवेश निधि से राशि लेकर दीदी कैफे जनपद परिसर थांदला में खोलने का निर्णय लिया और वर्ष 2022 में विकासखंड थांदला के जनपद परिसर में निर्मल आजीविका दीदी कैफे के नाम से दीदी कैफे का उद्घाटन किया गया। आज मुन्नी द्वारा आजीविका दीदी कैफे का संचालन किया जा रहा है। जिसमे चाय नाश्ता एवं आर्डर पर लंच पैकेट की व्यवस्था उपलब्ध है। अब मुन्नी खोखर मजदूर से मालिक बनकर अपने कैफे का संचालन कर अपनी स्थायी आजीविका स्थापित कर रही है। अवसर की बात की जाए तो जनपद परिसर में सभी विभागों के कार्यालय के साथ-साथ तहसील एवं कोर्ट भी नजदीक होने से प्रतिदिन करीबन 200 से 300 लोगों का आना जाना रहता है और परिसर में चाय नाश्ते की व्यवस्थित दुकान नहीं है। दीदी कैफे मुन्नी एवं उनके परिवार के लिये एक सम्मान से एवं आत्मनिर्भर होकर जीने का माध्यम साबित हो रहा है। मुन्नी खोखर द्वारा वर्तमान में दुकान का सुचारू संचालन करते हुए प्रतिदिन 700 रुपये से अधिक की शुद्ध आय अर्जित कर अपनी आजीविका को मजबूत कर रही है। कैफे में समूह के तेरह सूत्र में से एक नगद रहित व्यवहार के सूत्र का परिपालन में डिजिटल भुगतान हेतु क्यू आर कोड की व्यवस्था भी की गई है। मुन्नी अपनी जिंदगी में आए इस सकारात्मक परिवर्तन के लिए आजीविका मिशन की टीम को धन्यवाद देते है।

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