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असफलता भी आपको आगे ही बढ़ाती है

  • किताबों से जानिए, क्यों जरूरी है असफलता की तकलीफ को महसूस करना? कैसे किसी का भला करना कभी खाली नहीं जाता?

असफलता की पीड़ा को भी महसूस करना चाहिए
जीवन में नाकामयाबी सभी को देखनी पड़ती है। जिस नौकरी के लिए कोशिश कर रहे थे, वो नहीं मिली या जो प्रमोशन चाह रहे थे, वो किसी और को मिल गया। असफलता भी आगे बढ़ाती है। नाकामयाबी का दर्द महसूस करना भी जरूरी है। जो पसंद है उसमें समय लगाएं। अपने हुनर का बेहतर उपयोग करें। हो सकता है अगला अवसर वहां मिले जहां का आपने सोचा ही ना हो। 

प्रेम और भलाई, दोनों बढ़कर वापस आते हैं
ऑस्ट्रियन साइकोएनालिसिस के प्रवर्तक सिगमंड फ्रॉयड कहते थे- यदि किसी व्यक्ति में प्रेम न हो तो वह बीमार होकर मर जाएगा। प्रेम समझदारी, साख और दूसरों के प्रति सम्मान का भाव पैदा करता है। प्रेम और भलाई को जितना अधिक फैलाएंगे, वो बढ़कर वापस आएंगे। जब आप अपने व्यवहार में विनम्रता बरतते हैं तो प्रेम और सद्भावना आपके पास प्रत्युत्तर के रूप में आते हैं। 

विचार, भावनाएं आपके मन में ही जन्म लेते हैं
जब आप गुस्सा करते हैं तो आपको चार अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। सबसे पहले आप यह सोचना शुरू करते हैं कि उसने आपके बारे में क्या कहा। फिर तय करते हैं कि उसकी बात पर गुस्सा होना है या नहीं। फिर प्रतिक्रिया देते हैं। विचार, भावनाएं, क्रिया, प्रतिक्रिया आपके मन में ही जन्म लेती हैं। किसी को भी अपनी आंतरिक शांति में खलल डालने की अनुमति ना दें। 

अपने आपको अपने काम से अलग रखना चाहिए
अपने काम के प्रति जुनून होना अच्छा है लेकिन इसकी सीमा होनी चाहिए। अगर आप अपनी प्रोफेशनल पहचान को खुद पर इस कदर हावी करते हैं कि आपके आत्मविश्वास पर असर होने लगता है, तो ये बड़ी समस्या है। आप जो करते हैं और आप जो हैं, उसे अलग रखें। इस तरह आप अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हैं और बेहतर काम कर पाते हैं। 

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