शुक्रवार को महात्मा बुद्ध का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बुद्ध के विचारों को जीवन में उतारने से हमारी सभी समस्याएं खत्म हो सकती हैं, अशांति दूर होती है और मन शांत हो जाता है। बुद्ध से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनकी मदद से हम ये सीख सकते हैं कि जीवन में सुख-शांति पाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। यहां जानिए एक ऐसा किस्सा, जिसमें बुद्ध ने समझाया है कि दूसरों को हम हमारी बातें किस तरह समझा सकते हैं...
गौतम बुद्ध का एक नाम तथागत भी है। तथागत नियमित रूप से अपने शिष्यों को और अन्य लोगों को उपदेश दिया करते थे। एक दिन जब वे उपदेश दे रहे थे, उस समय एक व्यक्ति ने बुद्ध से पूछा कि मैं ध्यान करना चाहता हूं, लेकिन ध्यान करने बैठता हूं तो मन नहीं लगता है।
बुद्ध ने कहा कि फिर से कहिए, आपने जो अभी कहा है।
उस व्यक्ति ने वही बात फिर से कह दी।
बुद्ध ने कहा कि एक बार और बोलिए।
व्यक्ति ने फिर से वही बात कह दी।
इस बार बुद्ध ने कहा कि अब मैं आपके प्रश्न का उत्तर देता हूं। मन में विचारों के अभाव का नाम ध्यान है। मन का भोजन विचार हैं और जब हम मन को उसका भोजन यानी विचार नहीं देते हैं, तब मन ध्यान में लग जाता है।
बुद्ध ने भी अपनी बात तीन बार दोहराई।
इसके बाद वहां बैठे लोगों ने बुद्ध से पूछा कि आपने इस व्यक्ति से प्रश्न तीन बार पूछा और फिर उसका उत्तर भी तीन बार दिया। ऐसा क्यों?
बुद्ध ने कहा कि मेरा अनुभव है कि अधिकतर लोग सिर्फ पूछने के लिए प्रश्न पूछ लेते हैं। हमारा और खुद का समय नष्ट करते हैं। मैं तीन बार प्रश्न इसलिए पूछता हूं ताकि सामने वाले की गंभीरता मालूम हो जाए। पूछने वाले को भी अपने प्रश्न के मामले में गंभीर रहना चाहिए। मैंने प्रश्न के उत्तर भी तीन बार दिए हैं, ताकि मेरी बात सामने वाले व्यक्ति को अच्छी तरह समझ आ सके और मेरी बात उसके मन में उतर सके।
बुद्ध की सीख
बुद्ध ने हमें सीख दी है कि जब हम किसी से कुछ पूछना चाहते हैं तो उसके लिए हमें गंभीर रहना चाहिए और जब किसी के प्रश्न का उत्तर देना हो तो हमें उत्तर इस तरह देना चाहिए कि हमारी बात सामने वाले के मन में उतर जाए। उसकी सारी शंकाएं दूर हो जाएं और हमें अपनी बात भविष्य में फिर से दोहरानी न पड़े।
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