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इंदौर बाल सुधार गृह के बालक की जुबानी:मुझे मोबाइल ने गंदा काम करना सिखाया; मैं मोबाइल को अब कभी हाथ नहीं लगाऊंगा

इंदौर मैं भी अच्छा लड़का था, अच्छा पढ़ता था लेकिन मोबाइल ने मुझे बिगाड़ दिया। मैं तो जानता भी नहीं था कि ऐसा भी कुछ होता है। बस मोबाइल में एक-दो बार गंदी वीडियो देखी और आदत लग गई। मेरा पढ़ाई से ध्यान हट गया और गंदी बातों पर लग गया। बस यही कारण था कि मैंने एक बालक के साथ गलत काम कर दिया। अब मुझे अहसास हो रहा है कि मैंने बहुत गलत किया। इसके पीछे खास कारण मोबाइल ही है। अब मैं मोबाइल को कभी हाथ नहीं लगाऊंगा।

यह कहना है इंदौर के बाल सुधार गृह में बंद एक 14 वर्षीय किशोर का। इंदौर के पास एक गांव में रहने वाले इस किशोर ने 8 साल के बच्चे के साथ कुकर्म किया था। मामले में पीड़ित बालक ने अपने परिवार को यह बात बताई तो उसने उन्होंने किशोर के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा और अब बाल सम्प्रेषण आश्रम में है। किशोर ने वहां स्टाफ को यह बात साझा करते हुए बताया कि कोरोना काल में ऑन लाइन क्लासेस के दौरान उसने एंड्राइड मोबाइल का उपयोग करना शुरू किया। यह उसे परिवार ने ही पढ़ाई के लिए दिलवाया था। किशोर ऑन लाइन क्लासेस खत्म होने के बाद वह मोबाइल पर यू ट्यूब सहित अन्य एप देखने लगा और वह उसकी आदत में आ गया।

उसने बताया कि पढ़ाई की उम्र में जब उसने मोबाइल पर कुछ ऐसी चीजें देखी तो उसका झुकाव मोबाइल की ओर ज्यादा हो गया। अक्सर वह खाली समय में मोबाइल ही कुछ न कुछ देखता रहता था जबकि परिवार को यही लगा कि वह उसकी कोर्स संबंधी जानकारी जुटा रहा है। परिवार को भी घटना का पता तब चला जब मामला पुलिस तक पहुंचा। उन्हें भी विश्वास नहीं हुआ कि उनका बेटा ऐसी हरकत कर सकता है।

बाल सुधार गृह में उक्त किशोर अकसर वहां अपनी आपबीती साझा करता है। उसने कहा कि इतने दिनों में बाल सुधार गृह में रहते हुए मैंने खुद को, परिवार को, पढ़ाई, कैरियर और समय की कीमत को समझ लिया है। एक मोबाइल किसी को इस हद तक ले जा सकता है, इसका मुझे अब अच्छी तरह से अहसास हो गया है। मैं अब मोबाइल को हाथ भी नहीं लगाऊंगा। यही सीख वह वहां अन्य दूसरे बच्चों को भी देता है। इस केस की पुष्टि सुधार गृह की सुपरिटेंडेंट विशाखा सप्रे ने की है। उन्होंने बताया कि किशोर की कई बार काउंसलिंग की गई। उसे बताया गया कि पढ़ाई के काम में आने वाली किसी चीज (मोबाइल) का उसने दुरुपयोग किया जिसके चलते ऐसी स्थिति बनी। बकौल सप्रे बाल सुधार गृह में अन्य केसों में भी आरोपित किशोरों द्वारा किए गए अपराधों में इंटरनेट, फिल्में, क्राइम सीरियल आदि रहे हैं।़

घटनाएं एक नजर में

- हाल ही में इंदौर में 13 वर्ष के किशोर द्वारा 15 वर्षीय किशोरी के साथ रेप करने तथा किशोरी की डिलीवरी के बाद मामले का खुलासा होने का मामला चर्चा में आया था। इस केस को लेकर मनोचिकित्सकों ने यह बात भी कही थी कि ऐसी घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं मोबाइल कारण है जिनका दुरुपयोग कर बच्चे राह भटक रहे हैं।

- इंटरनेट पर कई प्रकार की पोर्न मूवीज संबंधी साइट्स हैं जिन पर प्रतिबंध नहीं है।ं

- ऑन लाइन पढ़ाई या पढ़ाई संबंधी जानकारी लेने के नाम पर बच्चे खुद परिवार से झूठ बोलते हैं।

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