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इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022’ में छाया इंदौर का स्टार्टअप:डिवाइस पर उंगली रखते ही पता चल जाता है‌ BP, हार्ट बीट, टेम्परेचर, SPO2

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में देश में 5जी  के लॉन्चिंग के साथ ही अब नए स्टार्टअप को एक बार गति मिली है। ‘डिजिटल इंडिया’ को लेकर देश के स्टार्टअप निए नए-नए आयाम दे रहे हैं। इसी कड़ी में इंदौर के दो स्टार्टअप्स ने एक ऐसे डिजिटल डिवाइस का आविष्कार किया है कि जिस पर अंगुली रखते ही वह आपके ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट, टेम्परेचर, ऑक्सीजन लेवल व रेसपिरेटरी रेट पैरामीटर्स की स्थिति बता देगी। खास बात यह कि इंदौर के इन स्टार्टअप्स को दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, मंत्री पीयूष गोयल सांसद शंकर लालवानी सहित कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की। मंत्रियों ने इस डिवाइस को मेडिकल के क्षेत्र के लिए काफी सराहा। आंध्र प्रदेश में इंदौर के स्टार्टअप्स के इस डिवाइस के मेन्यूफेक्चरिंग के लिए 1 करोड़ रु. की ग्रांट भी दी गई है।

इंदौर के ‘परकांत टेक प्रालि’ नामक कंपनी के स्टार्टअप द्वारा यह डिवाइस 1 अक्टूबर को दिल्ली में ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022’ में लांच हुआ है। यह कंपनी अब नोकिया की इको सिस्टम पार्टनर है। इसके फॉउण्डर्स इंदौर के ही इंजीनियर्स लोकांत जैन और सानिया जेसवानी है। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस के आविष्कार के बाद इसे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। दरअसल प्रगति मैदान दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2022’ एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफॉर्म है। डिवाइस का नाम ‘अभय परिमिति’ है जो पूरा हेल्थ चेकअप सिर्फ एक अंगुली से कर लेता है। यह एक प्रकार का पोर्टेबल मल्टी पैरामीटर मॉनिटर है जो शहर हो या गांव हर जगह तुरंत हेल्थ चेकअक कर उपचार करने में मदद करता है।

‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022’ में पीएम मोदी ने लांच की देश में 5-जी सेवा।
‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022’ में पीएम मोदी ने लांच की देश में 5-जी सेवा।

जानिए इसी तरह काम करता है यह डिवाइस

- इस डिवाइस पर अंगुली रखते ही मानव अंग से जुड़े पांच पैरामीटर्स पता चल जाते हैं। - इसके तहत ब्लेड प्रेशर, रेसपिरेटरी रेट, बॉडी टेम्परेचर, SPO2 (ब्लड, ऑक्सीजन लेवल), पल्स रेट व फीवर डिटेक्ट हो जाता है।

- यह डिवाइस एक पूरे मल्टी बॉडी पैरामीटर्स पर आधारित है। ये मल्टी पैरामीटर्स ICU में लगते हैं। डिवाइस इस पर आधारित होकर मानव अंग का फॉउण्डेशन है।

- मानव में मल्टी बॉडी पैरामीटर्स होते हैं। ये 1 लाख से 15 लाख के बीच हो जाते हैं।

- यह डिवाइस पूरी तरह से भारत में बनाया गया है। इसकी कीमत 15 हजार रु. है ताकि यह भारत के हर अस्पताल में, क्लीनिक में यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसे खरीदा जा सके।

- एक डिवाइस से 100 मरीजों को तक देखा जा सकता है।

- खास : डिवाइस का सिस्टम ऐसा बनाया गया है कि सिर्फ इंडेक्स फिंगर से ही पैरामीटर्स का पता लगाया जा सकता है।

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022’ में ऐसी गहमागहमी।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022’ में ऐसी गहमागहमी।

और भी है खास इस ‘अभय परिमिति’ में

- फॉउण्डर्स लोकांत जैन व सानिया जेसवानी ने बताया कि इस डिवाइस का वर्ल्ड में पैटर्न लेकर रखा है। इसके साथ ही इंडियन पैटर्न भी पब्लिश है। स्टार्टअप का दावा है कि मेडिकल के क्षेत्र में इस प्रकार की डिवाइस अभी तक लांच नहीं हुई है।

- यह काफी नोबल सॉल्यूशन है जो मार्केट में दिया जा रहा है। इसके मेंटर्स लोकांत जैन और सानिया जेसवानी ही हैं।

सांसद लालवानी के साथ परकांत टेक प्रालि फाउण्डर्स लोकांत जैन व सानिया जेसवानी।
सांसद लालवानी के साथ परकांत टेक प्रालि फाउण्डर्स लोकांत जैन व सानिया जेसवानी।

इसलिए दूसरों से अलग है यह डिवाइस

क्लीनिकल ग्रेड एक्युरेसी को एक अंगुली पर लाकर रख दिया

आज मेडिकल इंडस्ट्रीज में जहां डिवाइसेस बनते हैं, वहां ऐसा कोई डिवाइस नहीं है जो किफायती हो और साथ ही साथ इतना पोर्टेबल हो कि हर जगह साथ में पहुंच सके। इसके चलते इसका आविष्कार किया गया। यह डिवाइस उन गांवों तक पहुंचकर तुरंत उपचार देता है जहां अस्पताल नहीं बने। इस तरह सिर्फ एक डिवाइस से एक कमरे को हेल्थ सेंटर या फीवर क्लीनिक बनाकर विश्व में किसी भी डॉक्टर से बात कर सकते हैं। ऐसे में जब डॉक्टर उसी समय देखता है तो वह आपको प्राथमिक उपचार काफी अच्छे से दे सकता है। इसके लिए डॉक्टर को न गांव आने की जरूरत है और न ही किसी गांव वाले को। बड़े-बड़े शहरों में जाकर प्राथमिक उपचार कराने की जरूरत नहीं है। इसका उपचार तुरंत मिल जाता है। यह अलग इसलिए भी है कि ऐसी कोई डिवाइस नहीं है जो हर जगह कनेक्ट हो सके। इसकी एक्युरेंसी अस्पताल में रखे मल्टी पैरामीटर्स मॉनिटर जितनी है। यह पहली कंपनी है जिसमें अस्पताल की क्लीनिकल ग्रेड एक्युरेसी को सबके फिंगर टिप्स यानी अंगुली पर लाकर रख दिया है।

टीयर टू व टीयर थ्री अस्पतालों के लिए फायदेमंद

‘अभय परिमिति’ पूरी तरह भारत में बना हुआ डिवाइस है। इसके चलते सारे कम्पोनेंट, सप्लाय चेन पार्टनर्स, वेंडर्स भारत के ही हैं। टीयर टू या टीयर थ्री अस्पताल जहां 15 लाख रु. तक के मल्टी पैरामीटर्स आते हैं जो वह नहीं ले सकते, वे अस्पताल इसे 15 हजार रु. में खरीद सकते हैं। जो अस्पताल इस डिवाइस से और इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड्स को मैनेज करना चाहते हैं तो उन्हें कंपनी को मेल करना होगा। फिर फेस टीम उनके संपर्क में रहेगी। इस कंपनी में 10 लोग हैं।

सांसद शंकर लालवानी के अंगुली रखकर कराया अपना हेल्थ चेकअप।
सांसद शंकर लालवानी के अंगुली रखकर कराया अपना हेल्थ चेकअप।

बकौल जेसवानी भारत में 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और आज भी वहां उपचार पूरी तरह नहीं पहुंचा है, इसके चलते इसका आविष्कार करना बहुत जरूरी था। दिल्ली में सांसद शंकर लालवानी ने ‘इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2022’ में डिवाइस से अपना चेकअप कराया और कहा कि जिस प्रकार इंदौर आज स्वच्छता में नम्बर वन है, उसी ही प्रकार इस आविष्कार से जल्द ही हेल्थ में भी नंबर वन बनेगा।

नीति आयोग ने 1 करोड़ की ग्रांट के साथ दिया AMTZ में स्थान

नीति आयोग के सीनियर एडवाइजर डॉ. वीके सारस्वत ने इस डिवाइस को देश ही नहीं विश्व के लिए भी हेल्थ सेक्टर में बेहतर बताया। आयोग ने स्टार्टअप को 1 करोड़ की ग्रांट देते हुए आंध्र प्रदेश मेडिकल टेक्नोलॉजी जोन (AMTZ) में प्लांट मेन्युफेक्चरिंग के लिए स्थान दिया है। डिवाइस को पूरे विश्व में एक्सपोर्ट किया जाएगा।

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