Header Ads Widget

Responsive Advertisement

बड़ी राहत:38 अल्पसंख्यक कॉलेजों काे बड़ी राहत, हर दूसरी सीट पर अल्पसंख्यक छात्र काे प्रवेश देने की बाध्यता खत्म

अब छात्राें काे अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त कॉलेजाें में भी पसंद के काेर्स में आसानी से एडमिशन मिल सकेगा - Dainik Bhaskar

अब छात्राें काे अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त कॉलेजाें में भी पसंद के काेर्स में आसानी से एडमिशन मिल सकेगा
  • 50 हजार सीटाें पर छात्र ले सकेंगे पसंद के कॉलेजों में  प्रवेश
  • एक तरह से इन कॉलेजाें में सीधे प्रवेश (लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया से) का रास्ता साफ हाे गया अल्पसंख्यक कॉलेजाें में एडमिशन काे लेकर शासन की गाइडलाइन पर मचे बवाल के बाद नियम बदल दिया गया है। अब छात्र अपनी पसंद के कॉलेज में एडमिशन ले सकेंगे। शासन की तरफ से हर दूसरी सीट पर अल्पसंख्यक छात्र काे प्रवेश देने की बाध्यता खत्म कर दी गई है।

यानी अब कॉलेज हर कैटेगिरी के छात्र काे प्रवेश दे सकेंगे। इससे शहर के अल्पसंख्यक कॉलेजाें काे बड़ी राहत मिली है। इंदाैर के 38 कॉलेजाें में 52 हजार सीटाें पर अब सामान्य प्रक्रिया से प्रवेश हाे सकेंगे। एक तरह से इन कॉलेजाें में सीधे प्रवेश (लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया से) का रास्ता साफ हाे गया है।

इस अनिवार्यता से शुरू हुई थी दिक्कत

कॉलेजाें काे एक सीट पर सामान्य (जनरल, एससी-एसटी, ओबीसी) कैटेगिरी तथा दूसरी सीट पर अल्पसंख्यक छात्राें काे एडमिशन देने की अनिवार्यता कर दी गई थी। इसी के खिलाफ छात्राें और कॉलेजाें ने नाराजगी जताई थी।

इस तरह हुआ फैसला
कुछ दिन पहले नाराज छात्राें ने इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग काे चिट्ठी लिखकर कहा था कि अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त कॉलेजाें में एडमिशन संंबंधी नए नियम के कारण हम अपने पसंदीदा कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। वहीं, 8 जून काे अल्पसंख्यक कॉलेज एसाेसिएशन के पदाधिकारियाें ने भी इस मामले में गुरुवार काे उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. माेहन यादव से मुलाकात कर ज्ञापन साैंपा था। एसाेसिशन के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार धाकड़ का कहना है कि छात्राें की और हमारी मांग मान ली गई है।

इस तर्क से सहमत हुआ उच्च शिक्षा विभाग

कॉलेजाें की तरफ से सुप्रीम काेर्ट की गाइडलाइन का भी जिक्र किया गया था। साथ ही यह तर्क भी दिया गया था कि इससे छात्र काे पसंदीदा कॉलेज में एडमिशन के अधिकार से वंचित किया जा रह है। जीईआर यानी सकल नामांकन अनुपात घटने का अंदेशा भी था। इस नए निर्णय से 38 कॉलेजाें में यूजी-पीजी के 40 कोर्स (स्पेशलाइजेशन सहित) की सीटाें पर आसानी से एडमिशन हाे सकेंगे।

इन कॉलेजों को राहत

अब छात्राें काे अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त कॉलेजाें में भी पसंद के काेर्स में आसानी से एडमिशन मिल सकेगा। उच्च शिक्षा विभाग के इस निर्णय से इंदाैर क्रिश्चियन, चाराें गुजराती, जैन दिवाकर, अरिहंत, रेनेसा, इस्बा, विशिष्ठ, एलिक्जिया, आईसेक्ट, इंदाैर महाविद्यालय, सेंटपॉल, सॉफ्टविजन सहित 38 अल्पसंख्यक कॉलेजाें काे बड़ी राहत मिली है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ