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कैसे बढ़ेगा इंदौर का गौरव:बच्चे बोले- ऐसा हो भविष्य का इंदौर

 

इंदौर के गौरव दिवस को लेकर बच्चों में खासा उत्साह है। इंदौर आखिर किस तरह का देखना चाहते हैं। श्री सत्यसाईं विद्या विहार के दिविशा जोशी, अक्षिता लखोटिया, द्रोण मिश्रा, सारक्षी तिवारी, श्रेष्ठा शर्मा, संघमित्र कोठारी, दक्ष गांधी, सियाना जैन, देवांश हिंगड़ ने ट्रैफिक, सफाई, फूड हेल्पलाइन, समाजसेवा, शिक्षा से लेकर हरियाली, पानी तक के बारे में खुलकर बताया।

प्रभारी प्राचार्य अंजू चोपड़ा ने बताया भास्कर की यह पहल बच्चों के सपने का इंदौर बनाने में सार्थक साबित होगी। 8 से 15 साल तक के बच्चों ने 40 से ज्यादा प्रोजेक्ट के माध्यम से भविष्य का इंदौर पेश किया। इनमें से कुछ विशेष सुझाव।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वालों का पानी का बिल माफ किया जाए

  • फूड हेल्पलाइन : पार्टी और शादी में बचे हुए खाने को गरीबों तक पहुंचाने के लिए फूड एटीएम के साथ फूड हेल्पलाइन शुरू की जाए, ताकि इंदौर में कोई व्यक्ति भूखा न रहे।
  • लैंगिक समानता : कार्यक्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए जाने चाहिए, जिससे वे सक्षम बन सकें। महिला शोषण पर गंभीरता से कार्रवाई हो।
  • विशेष सुविधा : दिव्यांगों के लिए सुगम मार्ग होने के साथ ब्रेल लाइब्रेरी खोली जाए। उनके लिए विशेष स्कूल और कॉलेज बनाए जाएं। आम जनता को साइन लैंग्वेज सिखाएं।
  • नया प्राणी अभयारण्य : इंदौर के आसपास के इलाकों में नया प्राणी अभयारण्य विकसित किया जाए, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले। शहर में पौधारोपण हो, ताकि और ज्यादा हरियाली विकसित हो।
  • ट्रैफिक : नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों से सख्ती से दंड वसूला जाना चाहिए। इस राशि का उपयोग ट्रैफिक पुलिस का स्टाफ बढ़ाने में किया जाए। कार पूलिंग को बढ़ावा दिया जाए।
  • समाजसेवा और शिक्षा : ऐसे छात्र जो समाजसेवा में योगदान देते हैं, उन्हें स्कूल में अतिरिक्त मार्क्स दिए जाने चाहिए। छात्र जरूरतमंदों को नि:शुल्क पढ़ाई में मदद करें।
  • बगीचे : शहर के बगीचों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए उनमें वॉकिंग ट्रैक, बेंच, झूले और फाउंटेन लगाए जाएं। हर कॉलोनी में बगीचा होना चाहिए और इनमें रखे डस्टबिन भी आकर्षक होने चाहिए।
  • पानी का उपयोग : रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने चाहिए। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उन्हें पुरस्कृत कर सब्सिडी दी जानी चाहिए। उनका पानी का बिल माफ हो।
  • हरियाली : हाइड्रोपोनिक्स शैली का उपयोग कर हरे फलदार पौधे उगाए जाने चाहिए। शहर में कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए वर्टीकल गार्डन, प्लांटेशन पर जोर दिया जाना चाहिए।
  • स्थानीय व्यवसायियों को बढ़ावा : छोटी-छोटी जरूरतों के लिए स्थानीय दुकानों से और यहां के व्यवसायियों से ही व्यापार करना चाहिए, जिससे शहर का व्यापार और जल्दी बढ़े, शहर तरक्की करे।

हितेंद्र मेहता (आर्किटेक्ट, अर्बन प्लानर और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट)

बच्चों के सुझाव सराहनीय, इन पर अमल हो सकता है
बच्चों द्वारा दिए गए सुझाव सराहनीय हैं। इन पर अमल किया जा सकता है। किसी भी आईटी कंपनी से समझौता कर फूड हेल्पलाइन जैसी सुविधा शुरू की जा सकती है। महिलाओं को समानता प्रदान करने के लिए जरूरी है, उन्हें सुरक्षा देना, जिससे वे निश्चिंत होकर काम कर सकें। बड़े उद्योगपतियों से सहायता लेकर हरियाली बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। ये सभी पहल इंदौर को वाकई बच्चों के सपनों का शहर बनाने में कारगर साबित होगी।

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