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मध्य प्रदेश में पहली बार भोपाल में मेट्रो दौड़ाने के लिए 10 साल पहले की गई प्लानिंग अब आकार ले रही है


भोपाल। मध्य प्रदेश में पहली बार भोपाल में मेट्रो दौड़ाने के लिए 10 साल पहले की गई प्लानिंग अब आकार ले रही है। राजधानी में ठीक दो साल पहले (एक नवंबर 2018) ठेका कंपनी ने मध्य प्रदेश के पहले मेट्रो का सिविल कार्य शुरू किया था, जो 60 प्रतिशत पूरा भी हो चुका है। भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट से 14 लाख लोगों को फायदा होगा। इसका सीधा असर भी भोपाल से जुड़े अन्य क्षेत्र में के शहरी विकास पर भी पड़ेगा। मेट्रो के दोनों ही ओर बहुमंजिला इमारतों के निर्माण, मेट्रोपॉलिटिन एरिया के तहत मंडीदीप और सैटेलाइट टाउन की प्लानिंग देश में प्रदेश को नई पहचान दिलाएगी। इसके तहत निर्माणों के नए आयामों को स्थापित किया जाएगा।


एक साल में भोपाल मेट्रो की यह रही रफ्तार


- एलीवेटेड रूट के लिए सिविल वर्क प्रोजेक्ट के तहत 106 पिलर का निर्माण


- अंडरग्राउंड मेट्रो को मंजूरी







- पर्पल व रेड कॉरीडोर के लिए सर्वे पूरा


- पर्पल कॉरीडोर के लिए जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू


- मेट्रोपॉलिटिन एरिया की कवायद पूरी


- एमओयू संबंधित प्रक्रिया पूरी


- टीओडी व टीडीआर पॉलिसी को हरी झंडी


- दूसरे चरण (पर्पल कॉरीडोर के तहत सुभाष नगर से करोंद) के सिविल वर्क को मंजूरी


- एयरपोर्ट व मंडीदीप रूट तक मेट्रो विस्तार को मंजूरी


- दूसरे सिविल कार्य टेंडर की तैयारी







ऐसे समझे मेट्रो प्रोजेक्ट


पर्पल कॉरीडोर (लाइन-2)


- करोंद से एम्स तक


- कुल लंबाई 14.99 किमी


वर्तमान स्थिति


277 करोड़ रुपये की लागत से एम्स से सुभाष नगर तक 6.22 लंबे हिस्से में सिविल कार्य जारी। करीब 94 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। दूसरे चरण की तैयारी।


रेड कॉरीडोर (लाइन-5)


- भदभदा चौराहा से रत्नागिरि तिराहा तक



- कुल लंबाई 12.88 किमी


वर्तनाम स्थिति


- रूट को लेकर सर्वे का काम पूरा हो चुका है। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है। तकनीकी रिपोर्ट भी तैयार।


मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए ऐसे होगी राशि की व्यवस्था


दो रूट की लागत - 6962.92 करोड़ रुपये


भारत सरकार - 1167.33 करोड़ रुपये


राज्य सरकार - 1853.62 करोड़ रुपये


विदेशी बैंक से लोन - 3501.97 करोड़ रुपये



पीपीपी मोड - 440 करोड़ रुपये


इन शहरों में मेट्रो की प्लानिंग


भोपाल के अलावा इंदौर में भी मेट्रो प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है। इसके अलावा जबलपुर व ग्वालियर में भी मेट्रो प्रोजेक्ट की प्लानिंग है। मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इन दोनों ही शहरों में मेट्रो की प्लानिंग शुरू कर दी है। इसके अलावा भोपाल से सीहोर व औबेदुल्लागंज तक मेट्रो संचालन को लेकर भी विचार चल रहा है। बता दें कि सीहोर मेट्रो प्रोजेक्ट को आर्थिक तंगी के चलते बीती सरकार ने बंद कर दिया था।


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