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प्राइवेट कॉलेजों की सीटें खाली:60 सरकारी कॉलेजों में शिक्षक के 783 पद खाली अतिथि शिक्षक भी नहीं, ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो रही


कोराेना संक्रमण में भी हर साल की तरह इस सत्र में भी छात्रों ने शासकीय कॉलेजों में एडमिशन लिया है। प्राइवेट कॉलेजों की सीटें खाली रह गई हैं।


एयू से संबद्ध 198 कॉलेजों में से 60 शासकीय कॉलेज हैं। बिलासपुर में 13, मुंगेली में 8, कोरबा में 10, जांजगीर चांपा में 16, रायगढ़ में 13 शासकीय कॉलेज हैं। एयू के 180 कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर की 60 हजार 35 सीट हैं।


जबकि सभी कॉलेजों में स्नातक में कुल 45 हजार 915 सीटें हैं। इन सीटों पर 28 हजार 990 छात्रों ने ही एडमिशन लिया है। पीजी का एडमिशन अभी शुरू नहीं हुआ है। इसमें भी अधिकांश छात्र शासकीय कॉलेज में एडमिशन लिए हैं। शासकीय कॉलेजों की 90 प्रतिशत सीटें भर गई हैं। शासन ने कॉलेजों को अब ऑनलाइन छात्रों की पढ़ाई शुरू करने कह दिया है। छात्राें ने कम फीस और अनुभवी शिक्षकों के चक्कर में सरकारी कॉलेजों में एडमिशन ले लिया, पर अब पछता रहे हैं।


वजह, अटल यूनिवर्सिटी से संबद्ध 60 शासकीय कॉलेजों में प्राचार्य, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के 1429 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 649 पर शिक्षक कार्यरत हैं। 783 पद खाली हैं। इन खाली पदों के विरुद्ध शासकीय कॉलेजों द्वारा अतिथि शिक्षकों की भर्ती करके पढ़ाई करवाई जा रही थी, पर इस सत्र में शासन ने अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने के लिए काेई भी आदेश जारी नहीं किया है।


अब ऐसे में नियमित शिक्षक तो हैं ही नहीं, अतिथि शिक्षक की भर्ती नहीं हुई। इससे छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू नहीं हो पा रही है। जो शिक्षक कार्यरत हैं, उसमें भी अधिकांश छुट्टी में रह रहे हैं। जो शिक्षक कार्यरत हैं, उसमें से कुछ लोगों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने आता ही नहीं।


उच्च शिक्षा विभाग निर्णय ले रही है


उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक व साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसआर कमलेश ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने अभी तक अतिथि शिक्षकों के भर्ती के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है। उच्च शिक्षा विभाग यह निर्णय ले रही है कि जिस कॉलेज में जिस विषय के शिक्षक नहीं हैं, उन्हें दूसरे कॉलेज के शिक्षकों का वीडियो उपलब्ध कराकर पढ़ाया जाएगा।


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