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जावर सीहोर:नगर के प्राचीन मां महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर में बीते 400 साल से चली आ रही परंपरा आज भी जारी


जावरसीहोर,शरद पूर्णिमा 2020। नगर के प्राचीन मां महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर में बीते 400 साल से चली आ रही परंपरा आज भी जारी है। बुजुर्गों ने मां अंबे के इस मंदिर में वर्षों पहले जो ज्योत प्रज्‍ज्वलित की थी, उसे युवा पीढ़ी आज भी बरकरार रखे हुए है।


नगर में प्राचीन मां महिषासुर मर्दिनी माता का 400 वर्ष पुराना मंदिर स्थित है, जहां पर परंपरा अनुसार हर साल दशहरे के पश्चात पांच दिवसीय गरबा महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी प्रतिदिन भजन मंडलियों द्वारा मां के गरबे की प्रस्तुति दी जाती है। श्रद्धालु मां की ज्योत की परिक्रमा लगाकर अंबे थारो गरबो घूमतो जाए, गोल-गोल घूमतो जाए की थाप पर झूम उठते हैं। गरबा उत्सव में नगर के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित हो रहे हैं।

 


यह गरबोत्सव शरद पूर्णिमा यानी आज तक चलेगा। पूर्णिमा के अगले दिन गरबे का समापन कार्यक्रम आयोजित होगा। इस दौरान परंपरानुसार रात्रि में मां महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर से ज्योत विसर्जन जुलूस ढोल-ढमाकों के साथ नगर के प्रमुख मार्गों से निकाला जाएगा, जो नेवज नदी तट पर पहुंचेगा, जहां आरती के पश्चात ज्योत का विसर्जन किया जाएगा।

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