Header Ads Widget

Responsive Advertisement

रेव पार्टी:61 लीटर शराब मिली, 4 किलो गांजा मिला: सिर्फ 12 लोगों पर ड्रिंक एंड ड्राइव का मामूली केस बनाया

 

तेजाजी नगर के रिवेरा फार्म हाउस पर देर रात हुई रेव पार्टी के 48 घंटे बाद भी पुलिस आयोजक हितेश सिंघानी, रितेश यादव, सोनू गुप्ता और कशिश वाधवानी पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई। पार्टी की मैनेजर कशिश को मौके पर पकड़ने के बावजूद पुलिस ने जब्ती पंचनामा नहीं बनने के कारण सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया था। इसके बाद से कशिश भी गायब है। उसने अपना फोन नंबर व पता भी गलत दर्ज कराया था। फार्म हाउस किसी शुभ्रत राय का बताया जा रहा है।

डीसीपी जोन 1 विनोद मीना ने बताया रेव पार्टी में 12 पर धारा 185 मोटर व्हीकल एक्ट में ड्रिंक एंड ड्राइव का चालान बनाया है। 5 लोगों पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की है। आयोजक कशिश, हितेश सिंघानिया, रितेश यादव व सोनू गुप्ता पर 34 (2) के तहत आबकारी एक्ट का केस दर्ज किया है। अनमोल और हितेष की कार से 4 किलो गांजा और प्रतिबंधात्मक 25 गो-गो पेपर मिलने पर एनडीपीएस एक्ट में केस किया है। इसकी होंडा सिटी कार जब्त की है।

कम से कम 10 साल की सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत

रेव पार्टी में 61 लीटर से ज्यादा शराब मिली है। 4 किलो गांजा जब्त हुआ है। यह जघन्य अपराध है। सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया पर दिए निमंत्रण व पकड़े गए नशेड़ियों के बयान बड़े सबूत हैं। गांजा, अवैध शराब की इतनी बड़ी पार्टी कम से कम 10 साल की सजा के लिए पर्याप्त है। यहां तक कि वहां नशा करने आए लोगों पर भी आबकारी एक्ट की धारा 34 के तहत केस दर्ज कर सकते हैं, उन्हें एक-एक साल तक की सजा हो सकती है।

रेव व आफ्टर पार्टी के नए ठिकाने बने फार्म हाउस

शहर से लगे ग्रामीण इलाकों के फार्म हाउस नशा पार्टियों के बड़े ठिकाने बन गए हैं। शनिवार रात रेव पार्टी में पकड़े गए युवाओं ने पुलिस के समक्ष कबूल किया है कि ऐसे 48 हाईप्रोफाइल ग्रुप सक्रिय हैं, जो देर रात ऐसी पार्टी आयोजित करते हैं। रात 11 बजे सोशल मीडिया अकाउंट पर मैसेज कर युवाओं को आमंत्रित करते हैं। इनमें रशियन लड़कियां, पोल डांसर व अश्लील डांस के लिए ट्रांसजेंडर तक बुलाए जा रहे हैं। पुलिस व आबकारी को कभी भनक नहीं लगती।

माफ कीजिए... ऐसी पुलिस से बेहतर है इंदौर को पुलिस मुक्त कर दिया जाए

शहर में 100 से ज्यादा युवाओं की रेव पार्टी होती है। पुलिस वाले जबरदस्त पुलिसिंग की मिसाल कायम करते हुए अंदर घुसते हैं और पूरे मामले का भंडाफोड़ करते हैं। बधाई, ऐसे अफसरों को जिन्होंने इतना हौसला दिखाया, लेकिन उसके बाद जो होता है, उससे सिर शर्म से झुक जाता है। आयोजकों पर कार्रवाई के लिए पुलिस के कानून में धाराएं खत्म हो जाती हैं। किसी को नोटिस देकर छोड़ देते हैं, किसी पर ड्रिंक एंड ड्राइव का मामूली केस दर्ज करते हैं।

क्या आपको अंदाजा नहीं कि ये रेव पार्टियां इंदौर को किस गर्त में ले जाएंगी? क्या वे लोग इसके जिम्मेदार नहीं होंगे, जो पूरा मौका मिलने के बाद भी खींसे निपोरते हुए चले आए? क्या ये अपराध नोटिस देकर छोड़ देने जैसा है या ये सिर्फ ड्रिंक एंड ड्राइव का मामला है? शर्म आ रही है कि शहर को नशे के दलदल में धकेलने वालों के खिलाफ भी आपका जमीर नहीं जागा।

हद यह भी कि जब पुलिस ठोस कार्रवाई में विफल हुई तो एक जनप्रतिनिधि खड़ा नहीं हुआ, जो शहर की संस्कृति के रक्षक बने फिरते हैं, यहां-वहां चिटि्ठयां लिखकर सक्रियता का बखान करते नहीं थकते। विपक्ष जैसी कोई संस्था शहर में या तो बची नहीं है या सत्ता चूकने के बाद शहर से उन्हें सरोकार ही नहीं रहा।

सुनते हैं, इंदौर में पोस्टिंग बड़ी मुश्किल और जतन से मिलती है। एक बार मिल जाती है तो सब उसे बचाने में लग जाते हैं? ये बातें सही लगती हैं, जब कुर्सी का रसूख ऐसे अपराधियों की ड्योढ़ी पर गिरवी नजर आता है। यदि कानून कमजोर है तो मजबूत बनाएं, अफसरों में दम नहीं तो उन्हें बदलेंं, लेकिन इंदौर को इस जहर से बचाएं, वरना शहर को बर्बाद होने से कोई नहीं रोक पाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ