Header Ads Widget

Responsive Advertisement

देखिए! कैसे सुधरे इंदौर की सेहत:100-300 टीडीएस का पानी बेहतर, हम 20 तक का पी रहे, इससे कमजोर हो रही हडि्डयां

 

पानी को अधिक शुद्ध बनाने के प्रयास ही अब उसे नुकसानदायक बना रहे। - Dainik Bhaskar
पानी को अधिक शुद्ध बनाने के प्रयास ही अब उसे नुकसानदायक बना रहे।

पानी को अधिक शुद्ध बनाने के प्रयास ही अब उसे नुकसानदायक बना रहे हैं। इंदौर की आधी आबादी नर्मदा का स्वच्छ जल पी रही है, लेकिन घरों में लगे वाटर प्यूरिफायर मिनरल्स खत्म कर रहे हैं। भास्कर ने शहर में पीने के पानी पर अब तक का सबसे बड़ा सर्वे करते हुए 100 इलाकों के 200 घरों के पानी का टीडीएस (Total Dissolved Solids) जांचा।

इनमें 90% घरों में टीडीएस 20 से कम निकला। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक 100 से 300 टीडीएस वाला पानी बेहतर होता है। एक्सपर्ट के अनुसार, कम टीडीएस का पानी पीने से 45 की उम्र में ही लोगों की हडि्डयां जवाब देने लगी हैं।

इन इलाकों में किया सर्वे

कनाड़िया रोड, बिचौली, शुभलाभ रीजेंसी, साहिल रिजेंसी, पीटीएस, खजराना, बिचौली मर्दाना, न्यायनगर सुखलिया, नंदानगर, महालक्ष्मीनगर, लोकमान्य नगर, संपत हिल्स, 15वीं बटालियन, विजयनगर, भागीरथपुरा, एमजी रोड, सेंट पॉल स्कूल के पास, भंवरकुआं, गुलाबबाग, विष्णुपुरी, संगमनगर, तेजाजी नगर, 56 दुकान, चेतक चैंबर, एसपी ऑफिस, बृजेश्वरी, सर्वसंपन्न नगर, स्कीम 74, इंद्रपुरी, राजबाड़ा, काटजू कॉलोनी आदि।

समझिए क्या और कैसे हो रही है गड़बड़ी

दूषित पानी को स्वच्छ करने के दौरान वाटर प्यूरिफायर पानी में मौजूद ठोस पदार्थों टीडीएस को हटाता है। प्राकृतिक पानी में मिनरल व कैमिकल होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं। टीडीएस कम होने पर प्यूरिफायर लीड, आर्सेनिक, मरकरी जैसे हानिकारक तत्वों के साथ अच्छे मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम आदि को भी बाहर कर देता है।

एक्सपर्ट बोले- 5 से 7 दिनों में चेक करें टीडीएस

  • मिनरलाइजर या टीडीएस कंट्रोलर वाले प्यूरिफायर का प्रयोग करें। 5 से 7 दिनों में टीडीएस चेक करें।
  • पोस्ट फिल्टर के बाद मिनरलाइजर कार्ट्रिज से खनिज शुद्ध पानी में आते हैं।
  • एल्कलाइन वाटर बॉटल्स पानी के पीएच को बढ़ाती हैं। उसमें खनिज भी जोड़ती है।

ऐसे किया पानी का सर्वे

टीम डेढ़ महीने तक शहर के 100 इलाकों में पहुंची और लोगों के घरों में इस्तेमाल पीने के पानी का टीडीएस की जांच की। टीडीएस मीटर की मदद से घर बैठे यह जांच आसानी से की जा सकती है।

टीडीएस कम होने से नुकसान

100 से कम टीडीएस का पानी लम्बे समय तक पीने से थकावट, सिरदर्द, हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। एकाग्रता की कमी, इम्युन सिस्टम कमजोर होता है। क्षारीय खनिज हटने से पानी एसिडिक हो जाता है।

मरीज बोले- जोड़ों के दर्द, पेट के सामान्य रोगों में सादे पानी के इस्तेमाल से भी राहत महसूस हुई

  • विजयनगर क्षेत्र के निजी अस्पताल पहुंची संगीता ने बताया, उन्हें पेट संबंधी बीमारियां हो गईं थीं। सादा पानी पीना शुरू करने से राहत है। डॉक्टरों ने बताया उन्हें क्रोनिक गैस्ट्राइटिस है, इलाज जारी है।
  • नवलखा की प्रभा ने बताया, उन्हें जोड़ों में दर्द की तकलीफ इतनी ज्यादा थी कि चलते ही नहीं बनता था। डॉक्टर की सलाह के बाद पानी में सुधार किया तो दर्द कुछ ही दिनों में चला गया।
  • पीपल्याहाना के रंजीत ने बताया, बोरिंग का पानी आने के बावजूद जब टीडीएस चेक किया तो 15 निकला। घर में कोई न कोई बीमार होता ही रहता था। अब 5-7 दिन में टीडीएस चेक करता हूं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ