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जनसुनवाई, कई शिकायतें लेकर पहुंचे लोग:छोटे खिलौना निर्माताओं ने मांगी जमीन, मेधावी छात्र ने आर्थिक मदद मांगी तो 40 हजार रुपए दिए

राज्य सरकार ने इंदौर जिले में बनाए टॉय क्लस्टर में भूमि का आवंटन कर दिया है। लेकिन, 25 वर्षों से चमड़े के खिलौने बनाकर इंदौर को विदेश में ख्याति दिलाने वाले छोटे निर्माताओं को अभी भी जमीन के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

मंगलवार को शिल्पकार एसोसिएशन के बैनर तले खिलौना निर्माताओं ने कलेक्टर की जनसुनवाई में गुहार लगाई। 42 खिलौना निर्माताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने ऐसे लोगों को टॉय क्लस्टर में जमीन आवंटित की है जो हमसे खिलौने लेकर व्यापार कर रहे हैं।

सरकार हमें भूमि आवंटित करती है तो हमारा उत्पादन बढ़ जाएगा। शिल्पकार शिष्य ने जिले के अलग-अलग गांव में जमीन चिह्नित कर प्रशासन को जानकारी उपलब्ध कराई है। कलेक्टर ने इनकी बातें गंभीरता से सुनने के बाद जिला व्यापार उद्योग के अधिकारियों से जमीन आवंटन को लेकर चर्चा की। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी के अनुसार विभाग को जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।

कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ी

कलेक्टर के समक्ष सांवेर रोड स्थित एक कॉलेज का छात्र पहुंचा और कहा कि बी.आर्क (आर्किटेक्चर) कर रहा हूं, मैं फाइनल ईयर में हूं। मैं हमेशा 90 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों के साथ पास होता रहा हूं। कोरोना में परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी तो मैं फीस नहीं भर पाया। कॉलेज ने मेरी मार्कशीट रोक रखी है। मैंने हर जगह प्रयास किए, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली। कलेक्टर ने रेडक्रॉस से 40 हजार रुपए की मदद स्वीकृत की है।

परेशानी बताई तो दिव्यांग को स्कूटी दी

जनसुनवाई में आए एक दिव्यांग विजय नगर निवासी राजेश पिता मदनलाल की परेशानी देखते हुए उन्हें स्कूटी देने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। इसी तरह रमेश सेन ने बताया उन्हें पिछली जनसुनवाई में फ्लैट आवंटित किया गया था। अपनी व्यावसायिक तथा शारीरिक परेशानी के कारण वे चाहते हैं कि बड़ा बांगड़दा में फ्लैट आवंटित किया जाए। कलेक्टर ने नगर निगम से तुरंत आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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