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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 80 जोड़े विवाह सूत्र में बंधे

शहर में सोमवार को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 80 जोड़े विवाह सूत्र में बंधे। खास बात यह कि कोरोना के दो साल व उसके बाद पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव के चलते इस बार तीन साल के अंतराल में ये विवाह हुए जिसे लेकर काफी गहमागहमी थी। समारोह में एक दुल्हन सनावद के पास से इंदौर के लिए रवाना हुई लेकिन रास्ते में जाम के कारण बस फंस गई और दो घंटे देरी से पहुंची। इधर फोन नहीं लगने के कारण दूल्हे के परिजन भी परेशान हो गए। बहरहाल, मुहूर्त तो निकल गया था लेकिन दूल्हा बोला कोई बात नहीं, मैं शादी तो करूंगा। फिर दोनों ने एक-दूसरे को फूल मालाएं पहनाई और परिणय बंधन में बंध गए।

विवाह के बाद सेल्फी भी।
विवाह के बाद सेल्फी भी।

सामूहिक विवाह का आयोजन चिकमंगलूर मैदान में किया गया था जिसके लिए बड़ा डोम बनाया गया था। यहां दो हिस्सों में हर जोड़े की विवाह सामग्रियों के साथ पंडित, परिजन आदि की बैठने की व्यवस्था थी। वहीं पास में छोटे-छोटे केबिन बने थे जिसमें शासन द्वारा दिया गया गृहस्थी का सामान रखा था। मुख्य गेट पर रजिस्ट्रेशन काउंटर था जहां हर दूल्हा-दुल्हन व उनके परिजन इंट्री करके अंदर जा रहे थे। सबह 10 बजे ही अधिकांश जोड़े व उनके परिजन पहुंच गए थे। दूसरी ओर व्यवस्था संभालने के लिए एमआईसी सदस्य मनीष शर्मा, महिला बाल विकास, नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी आदि उपस्थित थे।

समारोह में एक विवाह इंदौर के दीपक और पुनासा की शांता का हुआ। इसमें दीपक तो सज-धजकर परिवार के साथ अपने स्थान पर बैठ गए थे लेकिन दुल्हन शांता व उसके परिजन नहीं पहुंचे। दूसरी ओर माइक से पंडित द्वारा लगातार मंत्रोच्चार किया जा रहा था। एक अन्य रजिस्ट्रेशन काउंटर से दुल्हन शांता का नाम पुकारा जा रहा था। फिर दूल्हे पक्ष द्वारा बताया गया कि भेरू घाट पर जाम लगा है और दुल्हन शांता परिवार के साथ बस में है। फिर मोबाइल नेटवर्क भी बंद हो गया। कुछ देर बाद फोन पर बात हुई तो पता चला कि जाम से कुछ राहत तो मिली है लेकिन पहुंचने में समय लगेगा। दो घंटे बाद दुल्हन शांता परिवार के साथ पहुंची तो काउंटर पर उसे बताया कि आप ही का नाम पुकारा जा रहा था तो उसने कहा कि क्या करे, जाम लगा तो कैसे पहुंचती। फिर फटाफट परिवार के लोग अंदर पहुंचे तो मुहूर्त निकल चुका था लेकिन दूल्हे दीपक ने कहा कोई बात नहीं। शादी तो आज और अभी होगी। फिर दोनों ने एक-दूसरे को हार पहनाए और विवाह की रस्म शुरू हुई।

दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे को खिलाई कुल्फी, आइसक्रीम, कोल्ड्रिंक्स

मंडप में गर्मी बढ़ी तो दूल्हे ने अपनी होने वाली पत्नी को आइसक्रीम खिलाई।
मंडप में गर्मी बढ़ी तो दूल्हे ने अपनी होने वाली पत्नी को आइसक्रीम खिलाई।

हालांकि मुहूर्त निकलने के एक-दो मामले और हुए लेकिन शादी हो गई। शादी संपन्न कराने के लिए पंडित द्वारा माइक से मंत्रोच्चार किए जा रहे थे लेकिन कई जोड़ों के परिजन साथ में खुद की ओर से पंडित को भी साथ में लाए थे। वैसे पूरे पांडाल में पंखों-कूलर की व्यवस्था थी लेकिन दूर होने के कारण इसका असर कम रहा और गर्मी ने सताया। गौरी नगर निवासी साक्षी का विवाह इंदौर के ही धर्मेंद्र कौशल से हुआ। धर्मेन्द्र जॉब करते हैं जबकि साक्षी की अभी पढ़ाई जारी है। दोनों परिणय बंधन के साथ एक-दूसरे को कुल्फी खिलाई। विजय मेढा का विवाह इंदौर की ही पूजा से हुआ। दोनों ने शासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं को सराहा। उन्हें 24 फरवरी की शाम को पता चला कि 27 फरवरी को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में सामूहिक विवाह है तो रजिस्ट्रेशन कराया और विवाह बंधन में बंध गए।

यहां नवदंपती ने एक-दूसरे को आइसक्रीम खिलाकर मुंह मीठा कराया।
यहां नवदंपती ने एक-दूसरे को आइसक्रीम खिलाकर मुंह मीठा कराया।
दुल्हन की पसंद की कोल्ड्रिंक्स।
दुल्हन की पसंद की कोल्ड्रिंक्स।

विवेक जैन की सियागंज में दुकान है। उनकी शादी इंदौर की रोशनी से हुई है। रोशनी की अभी पढ़ाई जारी है। दोनों ने एक-दूसरे को कोल्ड ड्रिंक्स पिलाई। अन्य दूल्हा-दुल्हन आइस्क्रीम खिलाते नजर आए। समारोह में सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि पहुंचे। उन्होंने परिणय सूत्र में बंधे जोड़ों को आशीर्वाद व शुभकामनाएं दी। दो-तीन विवाह निराश्रित परित्यागता संबंधी भी रहे।

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