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उम्मीदवारों ने उठाए सवाल:सिविल सर्विस रूल्स में दो मेन्स एग्जाम और नॉर्मलाइजेशन करने का प्रावधान नहीं, ऐसे में कैसे होगी एडिशनल्स मेन्स

दोबारा मुख्य परीक्षा (री-मेन्स एग्जाम) हो, इसलिए एक और नई याचिका दायर कर हो गई - Dainik Bhaskar

दोबारा मुख्य परीक्षा (री-मेन्स एग्जाम) हो, इसलिए एक और नई याचिका दायर कर हो गई
  • राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 का सेकंड रिवाइज्ड रिजल्ट जारी

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा-2019 के अंतर्गत 13 जनवरी को प्रारंभिक परीक्षा का री-रिवाइज्ड रिजल्ट यानी सेकंड रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया है। 21 दिसंबर 2020 को जारी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में क्वालिफाई हो चुके 308 ऐसे उम्मीदवार, जो मुख्य परीक्षा (मेन्स एग्जाम) दे चुके थे, उन्हें सेकंड रिवाइज्ड रिजल्ट में अनुत्तीर्ण कर दिया गया है। इनमें 34 ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जो मेन्स एग्जाम को उत्तीर्ण कर इंटरव्यू के लिए क्वालिफाई हो चुके हैं। वहीं 571 पदों के लिए आयोजित की जा रही यह चयन प्रक्रिया का लगातार पेंचीदा होती जा रही है।

दोबारा मुख्य परीक्षा (री-मेन्स एग्जाम) हो, इसलिए एक और नई याचिका दायर कर हो गई है। याचिकाकर्ता उम्मीदवार आकाश पाठक का कहना है कि एक ही भर्ती के लिए दो अलग-अलग मुख्य परीक्षाएं नहीं की जा सकती है। यह समानता के अधिकार अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है। वहीं उम्मीदवार का तर्क है कि जिन सिविल सर्विस रूल्स-2015 में एडमिशन मेन्स यानी दो मेन्स एग्जाम कराने, नॉर्मलाइजेशन, स्केलिंग का प्रावधान नहीं है। बीच परीक्षा में नियम नहीं बदल सकते है। पीएससी ने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने के साथ-साथ यह बताया था कि यह रिजल्ट हाईकोर्ट में दायर याचिका क्रमांक 542/2021 के अधीन रहेगा। इसलिए भी एडिशन मेन्स नहीं होनी चाहिए।

पुराने क्वालिफाइड की रीमेन्स कराने का निर्णय सही था

उम्मीदवार आकाश का कहना है पीएससी द्वारा प्रारंभिक परीक्षा का पहला रिवाइज्ड रिजल्ट जारी करते समय नए और पुराने सभी क्वालिफाई उम्मीदवारों की रीमेन्स कराने का निर्णय लिया था। यह निर्णय सही था क्योंकि, पीएससी ने विधिक सलाह लेकर यह निर्णय लिया। इसमें 6 महीने लगा दिए। वहीं हाईकोर्ट ने पीएससी के पहले प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को ही असंवैधानिक घोषित कर दिया है। ऐसी स्थिति में उस रिजल्ट के आधार पर हुई मेन्स एग्जाम स्वतः ही निरस्त हो जाती है।

इसलिए जारी करना पड़ा रिजल्ट

पीएससी की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 का रिजल्ट 21 दिसंबर 2020 को घोषित किया गया। इस रिजल्ट को उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में चुनौती। 7 अप्रैल 2022 के हाईकोर्ट के आदेश अनुसार पीएससी ने 10 अक्टूबर 2022 को रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया। इसके बाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के 29 नवंबर 2022 के आदेश में एडिशनल मेन्स कराने को कहा, इसी में 10 अक्टूबर 2022 को जारी रिवाइज्ड को कोर्ट ने रद्द कर दिया था, इसलिए सेकंड रिवाइज्ड रिजल्ट 13 जनवरी को जारी किया गया।

पीएससी का तर्क- हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई कर रहे

हाईकोर्ट जो आदेश करता है उसके अनुसार कार्रवाई की जाती है। सिंगल बेंच की सुनवाई के समय हमने अपना पक्ष रखा था कि नियमों में दो मुख्य परीक्षा, नॉर्मलाइजेशन और स्केलिंग का प्रावधान नहीं है। कोर्ट ने नवीन क्वालिफाई उम्मीदवारों की रीमेन्स कराने को कहा है, इसलिए इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। राज्य सेवा परीक्षा-2019 को लेकर उम्मीदवारों के दो गुट हैं। एक चाहता है रीमेन्स हो और दूसरा चाहता है कि रीमेन्स नहीं होकर एडिशनल मेन्स हो।
-आर. पंचभाई, ओएसडी, पीएससी

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