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रिश्वत लेने वाले कर्मचारी, अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 12 महीने में कुल 42 के खिलाफ केस बने हैं

लोकायुक्त संगठन ने इस बार इंदौर संभाग में सबसे ज्यादा पद का दुरुपयोग करने वाले और रिश्वत लेने वाले कर्मचारी, अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 12 महीने में कुल 42 के खिलाफ केस बने हैं। इनमें 10 लोग पद का दुरुपयोग करने वाले हैं तो 32 लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है। पकड़ने, केस दर्ज होने के बाद सजा का जिक्र किया जाए तो 19 को जेल हुई है।

इनमें प्रकाश नगर में रहने वाले बर्खास्त न्यायाधीश प्रीतमसिंह मान से लेकर जिला पंजीयक सुधीर मिश्रा तक शामिल हैं। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले दो अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इनमें नगर निगम के अफसर देवानंद पाटिल शामिल हैं। लोकायुक्त ने 12 महीने में 32 को रिश्वत लेते पकड़ा है। हर महीने 2 दो से अधिक कर्मचारी, अधिकारियों को रंगे हाथ लेते हुए पकड़ा।

बीते साल में 19 भ्रष्टों को सजा दिलाई गई
सजा की बात की जाए तो लोकायुक्त ने 64 भ्रष्टों के खिलाफ कोर्ट में केस चलाने के लिए अभियोजन की स्वीकृति मांगी है। विभागों को बार-बार पत्र भी लिखा जा रहा है, लेकिन घूसखोर स्वीकृति जारी नहीं होने दे रहे हैं। 2022 में कुल 19 भ्रष्टों को को सजा हुई है। सरकार ने हालांकि 55 अन्य मामलों में केस चलाने की स्वीकृति दे दी है। इनके चालान भी पेश किए जा रहे हैं। पेरा मेडिकल मामले में भी सात से अधिक चालान पेश किए जा चुके हैं। जिनमें 8 को सजा भी हो चुकी है।

असलम के लिए भी पत्र लिखा...

बेलदार असलम का मामला विचाराधीन है। कुल 4.83 करोड़ की काली कमाई होने का प्रकरण लोकायुक्त ने बनाया है। आगे की कार्रवाई के लिए नगरीय विकास विभाग को पत्र लिखा है। बताया जाता है कि निगम के बिल्डिंग अफसर, निरीक्षकों से फिर से संपर्क शुरू कर दिया है।

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