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भाजपा पार्षदों की बैठक:निशाने पर अफसर; न काम करते हैं न फोन उठाते हैं, निंदा प्रस्ताव लाएं

पार्टी की समझाइश- बैठकाें, सम्मेलन में पार्षद ऐसी कोई बात न रखें, जिससे अपनी ही परिषद पर सवाल उठे। - Dainik Bhaskar

पार्टी की समझाइश- बैठकाें, सम्मेलन में पार्षद ऐसी कोई बात न रखें, जिससे अपनी ही परिषद पर सवाल उठे।

भाजपा कार्यालय पर साेमवार को पार्टी के पार्षदाें के साथ हुई संगठन की बैठक में भारी गहमागहमी देखने काे मिली। कई पार्षदाें ने खुलकर अपनी बात रखी। निगमायुक्त समेत अफसरों के खिलाफ पार्षदाें का गुस्सा फूट पड़ा। पार्षदाें ने कहा कि अफसर न ताे फाेन उठाते हैं न ही हमारे कार्याें काे गंभीरता से लेते हैं। अब बहुत हाे गया। अगर ऐसे ही चलता रहा ताे इनके खिलाफ परिषद में निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।

प्रणव मंडल, महेश बसवाल, सुरेश कुरवाड़े से लेकर लगभग 90 फीसदी पार्षदाें ने मुखरता से बात रखी। इस दाैरान नगर अध्यक्ष गाैरव रणदिवे और महापाैर पुष्यमित्र भार्गव पार्षदाें की बातें सुनते रहे। हालांकि पार्टी की तरफ से यही कहा गया कि हर हाल में निगम परिषद की बैठकाें, सम्मेलन आदि में पार्षदाें काे ऐसी कोई बात नहीं रखना चाहिए, जिससे अपनी ही परिषद पर सवाल उठें।

सारे पार्षद एकजुट रहें और एक-दूसरे का सहयाेग करें। बैठक में निगम सभापति मुन्नालाल यादव, एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठाैर, नंदू पहाड़िया, मनीष शर्मा सहित 40 से ज्यादा पार्षद माैजूद थे। इस मामले में रणदिवे और महापौर का कहना है कि अफसरों के खिलाफ ऐसी कोई शिकायत हमारी मौजूदगी में नहीं आई।

दाे माह हाे गए, काम करने वाले अफसर नहीं मिले

  • कंचन गिदवानी : आज तक ऐसा नहीं हुआ कि अफसर इतना अड़ियल रवैया दिखाएं। आखिर हम सब भी चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। उसके बाद भी अफसरों का यह रवैया चाैंकाने वाला है। राज्य में हमारी सरकार भी है।
  • प्रणव मंडल : पार्षदाें की इतनी खराब स्थिति कभी नहीं रही। एक तरफ अफसर फाेन नहीं उठाते, दूसरी तरफ इंजीनियर तक नहीं सुन रहे। इस स्थिति में तत्काल सुधार हाेना चाहिए।
  • कमल वाघेला और महेश बसवाल : दाे माह पहले दाे-दाे इंजीनियर व अफसराें के नाम मांगे थे, ताकिकिसी भी प्राेजेक्ट में दिक्कत न आए। हर वार्ड में ऐसे अफसर भेजना थे लेकिन अाज तक कुछ नहीं हुअा।
  • सुरेश कुरवाड़े : जलूद में बनने वाले साेलर प्लांट काे लेकर निर्णय वापस लिया जाएगा। 300 कराेड़ का ब्याज ही साेचिए कितना हाेगा? इस प्राेजेक्ट पर दोबारा विचार करना चाहिए।

सिलावट, सांसद की सीख- जनता से जुड़े काम गंभीरता से लें

इधर, पार्टी कार्यालय पर ही इस हंगामे से पहले मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता और मधु वर्मा ने पार्षदाें काे टिप्स दिए कि उन्हें कैसे आगे काम करना चाहिए। कैसे अफसराें से काम करवाना चाहिए। काैन से प्राेजेक्ट काे ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। निगम परिषद से लेकर तमाम बैठकाें में पार्षदाें की भूमिका क्या हाेना चाहिए, इस पर भी समझाइश दी। खासकर जनता से जुड़े मूलभूत काम जैसे पेयजल, ड्रेनेज, सफाई आदि को लेकर बात हुई।

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