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रिश्ते-नाते:ज़िंदगी के बड़े फ़ैसलों में शामिल है जीवनसाथी का चुनाव, इसलिए अपना हमसफ़र चुनने से पहले ये बातें जानना ज़रूरी है

जीवन का सबसे अहम फैसला होता है जीवनसाथी का चुनाव। आपका भावी जीवन व परिवार, इसी पर निर्भर है।

जीवनसाथी का चुनाव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण फ़ैसला होता है। आजकल लड़के-लड़की का एक-दूसरे को समझने के लिए मिलना-जुलना आम बात हो गई है, ताकि वे एक-दूसरे की कमियों और अच्छाइयों को जान पाएं। इसलिए जब आप मुलाक़ात करते हैं तो चंद इन महत्वपूर्ण संकेतों से व्यक्ति के व्यवहार के बारे में समझ सकते हैं। पर अगर आप ध्यान देंगे तो उसके व्यक्तित्व को बख़ूबी जान सकेंगे। आइए जानते हैं इन सामान्य लेकिन बेहद ज़रूरी बातों के बारे में।

बातों की गंभीरता समझना

क्या कभी आपने इस बात पर ग़ौर किया है कि जब आप अपने होने वाले पति/पत्नी से बातें करते हैं या उन्हें अपनी कोई निजी बात बताते हैं तो क्या वे पूरे ध्यान और गंभीरता से उसे सुनते हैं? अगर हां तो ये आपके रिश्ते के लिए अच्छा है। पर यदि आपका भावी साथी आपकी बातों के दौरान फोन चला रहा है या अपने ही किसी काम में व्यस्त है और आपकी बात पर ख़ास ध्यान नहीं दे रहा है तो आपको थोड़ा संभल जाना चाहिए। यदि एक-दो बार ऐसा हुआ है तो वाक़ई उन्हें ज़रूरी काम हो सकता है, लेकिन हमेशा ही इस तरह का रवैया रखता/रखती है तो आपको भविष्य का निर्णय थोड़ा सोच-समझकर लेने की ज़रूरत है।

मुश्किल वक़्त में साथ देना

एक अच्छा जीवनसाथी वही बन सकता है जो साथी की समस्याओं और तकलीफ़ों को समझे। सिर्फ़ शौक़ या रुचियों का मेल खाना ही रिश्ते में साथ आने के लिए काफ़ी नहीं है। पर यदि कॅरियर को लेकर बाहर जाने या माता-पिता की सेवा करने के लिए घर पर ही रुकने का निर्णय आपका साथी ले रहा है और आप उसे समझ रही/रहे हैं तो यह दोनों के रिश्ते के लिए बहुत अच्छा है। जो चीजें़ आपके लिए मायने रखती हैं वे उनके लिए भी मायने रखें, और यदि ऐसा है तो यह आप दोनों के बीच अच्छा तालमेल बैठने का संकेत है।

खुलकर बात करना

एक मज़बूत रिश्ते के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है एक-दूसरे को समझना। और आप तभी एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ पाएंगे जब खुलकर बात करेंगे। आपका साथी किन बातों पर नाराज़ होता है, उसकी सोच क्या है, क्या आप दोनों खुलकर बातें कर पाते हैं? अगर आपको कुछ भी कहने से पहले सोचना पड़ता है या सामने वाले के मूड को देखना पड़ता है तो ये ठीक नहीं है। अगर किसी बात को कहने से पहले इतना सोचना पड़े तो भ‌विष्य में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हां, हर समय सभी का मूड एक-सा नहीं रहता इसलिए कभी-कभार मूड देखकर बात करना ठीक है। लेकिन हमेशा ही ऐसा हो तो वक़्त रहते संभलने में ही भलाई है।

एक-दूसरे का सम्मान करना

किसी भी रिश्ते में एक-दूसरे का सम्मान करना बेहद ज़रूरी है। ये रिश्ते को मज़बूत तो बनाता ही है साथ ही उसकी गरिमा भी बनाए रखता है। यदि आपका साथी आपका सम्मान करता है या आपकी कही बात का मान रखता है तो ये भविष्य के लिए अच्छा इशारा है। लेकिन वहीं यदि आपको हमेशा अपने सम्मान की लड़ाई लड़नी पड़ती है या अपनी बात को मनवाने के लिए बहुत जतन करने पड़ते हैं तो ऐसे में रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले रुककर थोड़ा सोचने की ज़रूरत है। हमेशा ये समझें कि इज़्ज़त मांगी नहीं जाती, वो सामने वाले के मन में होती है। इसलिए कभी भी सम्मान से समझौता न करें। ये बात दोनों पक्षों पर लागू होती है।

पसंद को समझना ज़रूरी है

ये ज़रूरी नहीं कि दो लोगों की पसंद एक हो या शौक़ मिलते हों। किसी को गेम्स पसंद है, किसी को मूवी, कोई किताबों का शौक़ीन है तो किसी की पसंद अध्यात्म या राजनीति है, इसमें यह ज़रूरी नहीं कि आपके साथी को या आपको भी वही पसंद हो। पर आपका साथी आपकी पसंद को महत्व देता है तो आप दोनों में किसी प्रकार के वैचारिक मतभेद नहीं होंगे। इस बात को हमेशा ज़ेहन में रखें कि सभी की प्राथमिकताएं, पसंद, शौक़ अलग हो सकते हैं और इसी बात को समझकर चलें तो रिश्ते में आने वाली कई मुश्किलों को आसानी से हल किया जा सकता है।

इस तरह बहुत-सी कई और बातों का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। जैसे कि कुछ बदलाव जो आपके रिश्ते के लिए ज़रूरी हैं क्या वो संभव होते हैं? या फिर आप कितना बदल सकते हैं जिससे आप अपने रिश्तों में आने वाली चुनौतियों को भी जान सकें और अपने जीवनसाथी चुनने के निर्णय पर भी अंतिम मोहर लगाकर संतुष्ट हो सकें। इन पर ज़रूर ध्यान दें।

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