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दत्तात्रेय जन्मोत्सव, पूर्णिमा और बुधवार का योग:पूर्णिमा पर पूजा-पाठ, नदी स्नान और दान

बुधवार, 7 दिसंबर को  मार्गशीर्ष मास की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इस दिन दत्तात्रेय भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है। बुधवार को पूर्णिमा और दत्तात्रेय जन्मोत्सव होने से ये एक शुभ योग बन गया है। इस दिन पूजा-पाठ के साथ ही नदी स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक मार्गशीर्ष (अगहन) पूर्णिमा पर किए गए धर्म-कर्म का अक्षय पुण्य मिलता है। अक्षय पुण्य यानी जिस पुण्य का असर जीवनभर रहता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अपने शहर में या शहर के आसपास जहां पवित्र नदी बह रही हो, वहां स्नान करें और स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करके दिन की शुरुआत करें।

नदी स्नान के बाद नदी के किनारे पर ही जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, ऊनी वस्त्रों का दान करें। गौशाला में गायों की देखभाल करें। हरी घास खिलाएं, धन का दान करें।

पूर्णिमा पर अगर नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो अपने घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। अगर गंगाजल भी नहीं है तो सभी तीर्थों का और नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और घर के आसपास ही दान-पुण्य करें।

पूर्णिमा पर करें ये शुभ काम भी

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और श्रीकृष्ण की पूजा जरूर करें। इन देवी-देवताओं का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग करना चाहिए। भगवान को तुलसी के साथ माखन मिश्री और मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं, आरती करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें।
  • बुधवार को भगवान श्री गणेश की पूजा सबसे पहले करें। गणेश जी प्रथम पूज्य हैं और इनकी पूजा के बाद ही अन्य देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। किसी भी काम की शुरुआत गणेश पूजा के साथ ही करनी चाहिए।
  • पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़नी और सुननी चाहिए। भगवान सत्यनारायण की कथा का संदेश ये है कि हमें जीवन में कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। कथा के पूजा करते समय भगवान के सामने संकल्प करें कि हमेशा सच ही बोलेंगे।
  • पूर्णिमा पर हनुमान जी के सामने धूप-दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।


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