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मन को सकारात्मक रखने का प्रण लें


  • किताबों से जानिए, कैसे बिजी रहना खुश होने का सबब बनता है? क्यों आप तब तक सफल नहीं हो सकते जब तक आपका लक्ष्य स्पष्ट नहीं होता?

व्यस्त हैं तो नाखुश होने का समय नहीं मिलेगा
अपने मन को सकारात्मक बनाने का प्रण कर लें। सामान्य चीजों में आनंद पाना सीखें। भविष्य हमेशा अनिश्चित होता है। आप सबको खुश नहीं कर सकते। आलोचना को खुद पर हावी न होने दें। खुद के जैसा बनें। वह करें जिसे करने में आनंद आता है। गुस्सा ना पालें। उन लोगों से दूर रहें, जो आपको नाखुश करते हैं। व्यस्त रहेंगे तो आपके पास नाखुश होने का समय नहीं होगा। 

लक्ष्य तय किए बिना सफलता अनिश्चित है
अगर आपका कोई लक्ष्य नहीं है तो सफलता अनिश्चित है। अगर आप नहीं जानते कि आप कहां पहुंचना चाहते हैं तो आप कहीं नहीं पहुंच सकते। यदि आपकी कोई मंजिल ही नहीं है तो आप वहां तक पहुंचने की योजना कैसे बनाएंगे और उस दिशा में कैसे चलेंगे? अगर आप जीवन में कुछ करना चाहते हैं तो यह जान लें कि लक्ष्य के बिना काम नहीं चलेगा।

प्रेम देंगे तो उसको पाने में भी दिक्कत नहीं होगी
लोग जब दुखी होते हैं, तो उन्हें लगता है कि कोई उनसे प्रेम करे। जबकि अगर आप प्रेम करते हैं, तो आपको उसे पाने में दिक्कत नहीं होगी। आप लोगों के प्रति प्रेम और दयालुता व्यक्त करने की अपनी क्षमता बढ़ाकर अपने जीवन की गुणवत्ता बढ़ा सकते है। सबसे खुश वह है, जो अपने आसपास के लोगों के प्रति प्रेम और स्नेह दिखाने के तरीके तलाश करते हैं। ऐसे लोग स्वस्थ भी रहते हैं।

कड़ी मेहनत करके बेहतर महसूस करेंगे
आप जितनी कड़ी मेहनत करेंगे, उतना बेहतर महसूस करेंगे। तब आपको किसी पुरस्कार की जरूरत महसूस नहीं होगी। शुरुआत में छोटे कदम उठाएं, चलने के लिए बड़े कदम की जरूरत नहीं होती। छोटे कदम ही मंजिल तक पहुंचाते हैं। बस चलते रहिए, संघर्ष करते रहिए और अपनी मंजिल तक पहुंचकर ही दम लीजिए। 

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