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पहले दिन वाली बेचैनी हर दिन महसूस करें, यही मेहनत कराएगी - विराट कोहली

  • विराट कोहली की आक्रमकता किसी से छुपी नहीं है। वो कैसे अपनी इस स्वभाव से डील करते हैं, कैसे वो अपना उत्साह बनाए रखते हैं, उन्हीं की जुबानी...

‘आज इतने साल बाद, हजारों रन बनाने के बाद... मुझे यकीन नहीं होता कि मैं खेलते-खेलते इतना आगे आ गया हूं। आज भी जब मैं मैदान पर जाता हूं तो खुद को एक क्लब क्रिकेटर महसूस करता हूं। यह सोचता हूं कि मुझे अभी अपना पहला रन बनाना है। मैं बेहद खुश हूं कि मुझे अभी भी यह महसूस होता है। शुक्रगुजार इसलिए हूं कि मैं यह नहीं सोच रहा कि ‘वाह! मैंने इतना सब कर लिया।’ मैं अभी भी खेल को उतना ही सम्मान देता हूं, जितना पहले मैच के दिन दिया था। मैं जानता हूं कि जिस दिन मैंने यह सब महसूस करना बंद कर दिया, उस दिन से मेरा खेल खत्म होना शुरू हो जाएगा। जब तक मैं पहले दिन जैसा महसूस करता रहूंगा, मुझसे यह फीलिंग निरंतर मेहनत कराती रहेगी। इसे महसूस करना अद्भुत अनुभव है।

जिंदगी में सीखना कभी बंद नहीं करना चाहिए
मैं समझता हूं जिंदगी बेहद विशाल है। जब मैं क्रिकेटर नहीं था तो उससे पहले भी मेरी जिंदगी थी और क्रिकेट के बाद भी रहेगी। मैं खुद को इस काबिल रखना चाहता हूं कि इस जिंदगी में आई हर चीज का लुत्फ ले सकूं। मैं नहीं चाहता कि केवल क्रिकेट ही मेरी पहचान बने। मैं सीखना कभी बंद नहीं करना चाहूंगा।

खुद के साथ ईमानदारी रखना बहुत जरूरी है
मैं ईश्वर में पूरा यकीन करता हूं, लेकिन आप मुझे यहां-वहां मंदिरों में भटकता नहीं पाएंगे। मैं सेल्फ रियलाइजे़शन में विश्वास करता हूं। दिमागी शांति मेरे लिए बेहद अहम है। किसी भी काम को मैं केवल करने के लिए नहीं करूंगा। मैं तब तक ही कोई काम कर सकता हूं जब तक मैं उसमें खुद से ईमानदार हूं।

ऐसा नहीं कि दुनिया आपको बदलने की कोशिश नहीं करती... करती है और बार-बार करेगी, लेकिन आपको नहीं बदलना है। मुझे याद है कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया में फील्डिंग के दौरान एक झुंड मुझे परेशान कर रहा था। जब अति हो गई, तो मैंने उनकी तरफ एक गलत इशारा कर दिया। अगले ही दिन मैच रेफरी ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या गड़बड़ है। उन्होंने मुझसे पूछा- कल बाउंड्री पर क्या हुआ था? मैंने कहा, कुछ नहीं...थोड़ा मजाक चल रहा था। उन्होंने मेरी तरफ अखबार उछाला, जिस पर मेरी बहुत बड़ी तस्वीर थी। तस्वीर देख मेरे पसीने छूट गए। मैं उनसे गुजारिश करने लगा... माफ करें। प्लीज मुझे बैन ना करें। वो अच्छे इंसान थे, समझ गए कि छोटी उम्र में ऐसी गलतियां होती हैं।

मैं इन बातों पर अब हंसता हूं। गलतियों को सुधारा जा सकता है। अब मैं अपने जूनियर्स को उन गलतियों से आगाह करता हूं, जो मैं कर चुका हूं। अगर मैं किसी को अपने जैसी गलती करते देखता हूं और सुधारता नहीं, तो यह मेरी हार है। अगर मैं चुप रहूंगा तो मैं अपना काम नहीं कर रहा हूं।’ (विज्डन से बात करते हुए भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली)

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