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10 लाख आबादी के फायदे की बात:एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए, बरकरउल्ला यूनिवर्सिटी से मिसरोद थाने तक 5.5 किमी लंबा बीआरटीएस हटेगा

रेंगते ट्रैफिक को मिलेगी रफ्तार - Dainik Bhaskar

रेंगते ट्रैफिक को मिलेगी रफ्तार

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सामने होशंगाबाद रोड पर बने बीआरटीएस को हटाया जाएगा। इस सड़क पर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के लिए की नगर निगम ने एनओसी दे दी है। निगम की एनओसी के बाद अब लोक निर्माण विभाग इस सड़क को ट्रांसफर करने का एक प्रस्ताव केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के पास भेजेगा। इसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) होशंगाबाद रोड पर बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से मिसरोद थाने तक साढ़े पांच किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का काम करेगा।

यहां नागपुर की तरह डबल डेकर एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसकी चौड़ाई 15 मीटर (4 लेन) होगी। इसे बनाने में 385 करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने बताया कि होशंगाबाद रोड के आसपास किसी भी तरह की शिफ्टिंग का काम आता है, तो निगम इसका खर्च उठाएगा। पहले भी ये रोड एनएचएआई के पास थी। बीआरटीएस बनते वक्त निगम को ये ट्रांसफर हुई थी।

बीआरटीएस के कारण मिक्स्ड लेन में रोज ट्रैफिक जाम

  1. अभी होशंगाबाद रोड पर हर घंटे 15 हजार वाहनों के ट्रैफिक का दबाव है। ये लगातार बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत बागसेवनिया थाने और दानिश चौराहे पर होती है। यहां कट पाइंट की वजह से जाम लगता है। आए दिन बीआरटीएस में एक्सीडेंट होते हैं।
  2. एनएचएआई के अफसरों ने बताया कि एलिवेटेड कॉरिडाेर को ऐसे डिजाइन किया जाएगा, ताकि मेट्रो रेल के साथ सड़क रूट भी साथ चले। डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर बनने से सबसे नीचे सड़क, उसके ऊपर फ्लाईओवर और तीसरी लेयर पर मेट्रो ट्रैक बनेगा।
  3. कॉरिडोर बनने से होशंगाबाद रोड के आसपास की कॉलोनियों को फायदा होगा। इसके बनने से नागपुर, जबलपुर, पचमढ़ी, होशंगाबाद, बैतूल की ओर वाहन सीधे जा सकेंगे। एनएचएआई अफसर अब लोकल अथॉरिटी के साथ मिलकर प्लानिंग शुरू करेंगे।

गडकरी ने कॉरिडोर के प्रस्ताव पर काम करने कहा था

सीहोर नाके से मिसरोद तक 12 साल पहले करीब 360 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए बीआरटीएस को हटाने के लिए मंत्री भूपेंद्र सिंह और मंत्री विश्वास सारंग के अलावा विधायक रामेश्वर शर्मा, गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर भी सवाल उठा चुकी हैं। हाल ही में विधायक गौर ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इसके बाद गडकरी ने एनएचएआई के अफसरों को गौर के प्रस्ताव का परीक्षण कर उस पर काम करने के निर्देश दिए थे।

  • 385 करोड़ की लागत से बनेगा कॉरिडोर
  • 15 हजार वाहनों के ट्रैफिक का यहां दबाव हर घंटे है
  • 10 लाख लोगों को फायदा होगा
  • काॅरिडाेर के लिए एनएचएआई काे ट्रांसफर हाेगी रोड
  • डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर में नीचे रोड, ऊपर फ्लाईओवर और तीसरी लेयर में मेट्रो
  • एनएचएआई को रोड ट्रांसफर के लिए निगम ने दी एनओसी, शिफ्टिंग खर्च निगम उठाएगा

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