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इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर जमीन के नाम पर धोखाधड़ी:डॉक्टर, किसान, टीचर को बनाया क्राइम ब्रांच ने आरोपी, कोर्ट ने निरस्त की अग्रिम जमानत याचिका

 

इंदौर अपर सत्र न्यायधीश ने दो किसान, मेडिकल प्रेक्टिश्नर और टीचर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बताया जाता है कि क्राइम ब्रांच ने मामले में आपत्ति दर्ज कराई थी। क्राइम ब्रांच ने साढे सात बीघा जमीन फर्जी दस्तावेजों से नाम करने के चलते आरोपियों पर केस दर्ज कराया था। इसके बाद से ही सभी आरोपी फरार थे। क्राइम ब्रांच अधिकारियों को आरोपियों द्वारा कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाने की जानकारी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच टीआई ने आपत्ति दर्ज कराई थी।
जिला न्यायालय ने सुनील पुत्र ईश्वर अवस्थी, उसके भाई डॉक्टर जितेन्द्र अवस्थी,अनिल पुत्र रमेशचंद्र अवस्थी और उसके भाई नितिन उर्फ चिंटू अवस्थी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। जानकारी के मुताबिक टिगरिया बादशाह की एक बेशकीमती जमीन को लेकर क्राइम ब्रांच ने पांच दिन पहले ही जाली दस्तावेजों से जमीन हथियाने के मामले में आरोपियों पर केस दर्ज कराया था। जिसके बाद से आरोपी फरार चल रहे थे। इस मामले में क्राइम ब्रांच टीआई धनेन्द्र सिंह भदौरिया को जानकारी लगी कि आरोपी कोर्ट में जमानत आवेदन लगाने वाले है। इसके बाद सरकारी वकील के माध्यम से जमानत निरस्त करने के लिए आवेदन दिया गया था।
साढ़े सात बीघा जमीन के लिए डॉक्टर,किसान और टीचर ने की धोखाधड़ी
क्राइम ब्रांच के टीआई धनेन्द्र भदौरिया के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ 28 अगस्त 2022 को क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया था। मामले में साकेत जमीदार ने कार्रवाई की थी । क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक सुनील ओर नितिन ने खुद को किसान बताया था। जबकि डॉक्टर जितेंद्र मेडिकल प्रेक्टिश्नर है। वही एक आरोपी अनिल पेशे से टीचर है। अधिकारियों के मुताबिक जिस जमीन को लेकर आरोपियों ने धोखाधड़ी की है, उसकी कीमत करोड़ों में है। अभी मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद और आरोपियों के नाम बढ़ सकते है।





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