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हाई कोर्ट ने दिए निर्देश:पेंशन घोटाला याचिकाकर्ता की अर्जी 3 माह में तय करे सरकार

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय और उस समय के महापौर परिषद के सदस्यों से जुड़े पेंशन घोटाले में एक नया मोड़ आया है। बीते दिनों जिला एवं सत्र न्यायालय ने अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिलने पर पेंशन घोटाले को लेकर दायर प्रकरण को निरस्त कर दिया था।

इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता केके मिश्रा ने अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता नया अभ्यावेदन बनाकर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें। शासन 3 महीने में निर्धारित करें।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने इस तरह के मामलों में नई व्यवस्था कर दी है कि 3 महीने के भीतर अभ्यावेदन को निर्धारित नहीं किया जाता है तो उसे स्वत: अभियोजन की स्वीकृति मिलना मान लिया जाता है। लगभग 35 करोड रुपए के पेंशन घोटाले को लेकर लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है।

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