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चांदी से सजा खजराना गणेश का दरबार:जयपुर के कारीगरों ने सवा सौ किलो चांदी से 8 महीने में बनाया

इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में मंगलवार को लंबोदर का नया सिंहासन लगाने का काम हुआ। अभिजीत मुहूर्त में इसे लगाने काम काम शुरू किया गया। सवा सौ किलो चांदी से जयपुर के कारीगरों द्वारा इसे तैयार किया गया है। इसे बनाने में करीब 8 महीने का समय लगा है। भक्तों द्वारा दान में दी गई चांदी, भगवान के छोटे छत्र-मुकुट की चांदी और पुराने सिंहासन की चांदी का उपयोग कर इसे बनाया गया है। इस पर खास तरह की नक्काशी की गई है। नक्काशी की डिजाइन करने में ही 2 महीने का वक्त लगा है।

सवा सौ किलो चांदी से दो भाग में तैयार हुआ सिंहासन
खजराना गणेश मंदिर में चांदी का सिंहासन सवा सौ किलो चांदी से किया गया है। हालांकि इसमें करीब 10 किलो चांदी का वेस्ट भी निकला है। मंदिर में भक्तों द्वारा दान की गई चांदी, छत्र की करीब 95 किलो चांदी के अलावा पुराने सिंहासन में से निकली 30 किलो चांदी का इस्तेमाल सिंहासन तैयार करने में किया गया है। कई भक्तों द्वारा सिंहासन तैयार करने के लिए चांदी का दान किया था। इसमें कई भक्तों ने गुप्त दान भी किया।

8 महीने का वक्त लगा तैयार करने में
इस सिंहासन को तैयार करने में करीब 8 महीने का वक्त लगा है। जयपुर के मेटा ज्वेल क्राफ्ट द्वारा इसे तैयार किया गया है। सिंहासन के मुख्य कारीगर दीपक शर्मा ने बताया कि दो महीने इस सिंहासन की डिजाइन तैयार में लगे है। जिसके बाद इसका काम शुरू किया गया और करीब 6-7 महीने में इसका काम पूरा हो सका है। इस सिंहासन को दो पार्ट में तैयार किया गया है। इसके साथ ही इसमें कॉपर का भी इस्तेमाल किया गया है। कॉपर के 14 गेज की शीट लगी है। इसके ऊपर 18 गेज की चांदी लगाई गई है। 180 किलो कॉपर का इस्तेमाल इसमें किया गया है। दो पार्ट में तैयार इस सिंहासन के बड़े पार्ट का वजन करीब 70 kg तो दूसरे पार्ट का वजन करीब 65 kg है।

कलश और मोर की नक्काशी दिखेगी
दीपक बताते है कि चांदी के इस सिंहासन में कार्विंग वर्क किया गया है। इसमें एक कलश और दो मोर उभरे हुए है। इसके साथ ही सुंदर नक्काशी की गई है। कलश और मोर करीब 3 इंच बाहर उभरे हुए है और नक्काशी करीब 2 इंच बाहर उभरी हुई है।

पूरे गर्भगृह में लगी है 650 kg चांदी
मंदिर के पुजारी पंडित अशोक भट्ट ने बताया कि खजराना गणेश के पुराने सिंहासन की लकड़ी खराब हो गई थी। इसके चलते चांदी का नया सिंहासन तैयार किया गया है। अभिजीत मुहूर्त में इसका पूजन कर लगाने का काम शुरू किया गया। सिंहासन को लगाने के लिए जयपुर से पांच कारीगरों की टीम आई है, जो मंदिर में इसे लगाने का काम कर रहे है। इस बार का सिंहासन काफी मजबूत है और लंबे वक्त तक चलेगा। खजराना गणेश मंदिर के गर्भगृह में 650 kg चांदी लगी हुई है। इससे बनने में 6 से 8 महीने का वक्त लगा है।

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