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बढ़ गई एलियन मिलने की संभावना:नासा का दावा- हमारे सौरमंडल से अलग 5000 ग्रह, 65 हाल ही में खोजे; 200 ग्रह पृथ्वी जैसे

 

हमारे मन में एक सवाल लगातार आता रहता है कि क्या इस ब्रह्मांड पर धरती के अलावा भी कहीं जीवन है। इस सवाल के जवाब में हम एलियंस के बारे में बहुत कुछ जानना चाहते हैं। सवाल ये भी है कि वह किन-किन ग्रहों पर होंगे? तो इसका जवाब अमेरिकन अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ढूंढ निकाला है।

नासा ने पुष्टि की है कि सौर मंडल के अलावा भी अंतरिक्ष में 5000 ऐसे ग्रह हैं, जिनकी पहचान की जा चुकी है। खास बात यह है कि ऐसे करीब 65 ग्रहों को हाल ही में खोजा गया है। करीब 200 ग्रह पृथ्वी के जैसे हैं।

हर एक एक्सोप्लैनेट अपने आपमें एक दुनिया
हाल ही में पुष्टि किए गए एक्सोप्लैनेट में के-2-377 बी का नाम शामिल है। जो एक ‘सुपर अर्थ’ है। यह अपने तारे की एक कक्षा को पूरा करने में 12.8 दिन लेता है। इन ग्रहों को नासा एक्सोप्लैनेट आर्काइव में रखा गया है। आर्काइव के मुखिया जेसी क्रिश्चियनसेन ने बताया ये काफी एक्साइटेड करने वाला है और हम इन सबके बारे में जाना चाहते हैं।

हर एक एक्सोप्लैटनेट अपने आपमें एक दुनिया है। एक्सोप्लैनेट हमारे सौरमंडल से बाहर होते हैं। ये सूर्य की जगह किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। नासा ने इससे पहले भी 90 के दशक में करीब 3000 एक्सोप्लैनेट ढूंढ चुका है।

सारे ग्रह सौर मंडल या आकाशगंगा से बाहर मौजूद
इसका पता नासा ने ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (टेस) की मदद से लगाया है। ये सारे ग्रह हमारे सौर मंडल या आकाशगंगा से बाहर मौजूद हैं, इसीलिए इन्हें एक्सोप्लैनेट्स कहा जा रहा है। चूंकि इन सभी को टेस की मदद से तलाशा गया है, इसलिए इन्हें टेस ऑब्जेक्ट इंट्रेस्ट कहा गया है। द नेन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप 2027 में लांच होने वाला है।

अब तक 35% नेपच्यून जैसे ग्रह को खोजा गया
एक्सोप्लैनेट में 30% गैस ग्लेट्स हैं, 31% सुपर-अर्थ और 35% नेपच्यून जैसे ग्रह हैं। केवल 4% पृथ्वी या मंगल जैसे चट्टानी ग्रह हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी एरियल मिशन 2029 में लांच करेगी।




हमारे मन में एक सवाल लगातार आता रहता है कि क्या इस ब्रह्मांड पर धरती के अलावा भी कहीं जीवन है। इस सवाल के जवाब में हम एलियंस के बारे में बहुत कुछ जानना चाहते हैं। सवाल ये भी है कि वह किन-किन ग्रहों पर होंगे? तो इसका जवाब अमेरिकन अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ढूंढ निकाला है।

नासा ने पुष्टि की है कि सौर मंडल के अलावा भी अंतरिक्ष में 5000 ऐसे ग्रह हैं, जिनकी पहचान की जा चुकी है। खास बात यह है कि ऐसे करीब 65 ग्रहों को हाल ही में खोजा गया है। करीब 200 ग्रह पृथ्वी के जैसे हैं।

हर एक एक्सोप्लैनेट अपने आपमें एक दुनिया
हाल ही में पुष्टि किए गए एक्सोप्लैनेट में के-2-377 बी का नाम शामिल है। जो एक ‘सुपर अर्थ’ है। यह अपने तारे की एक कक्षा को पूरा करने में 12.8 दिन लेता है। इन ग्रहों को नासा एक्सोप्लैनेट आर्काइव में रखा गया है। आर्काइव के मुखिया जेसी क्रिश्चियनसेन ने बताया ये काफी एक्साइटेड करने वाला है और हम इन सबके बारे में जाना चाहते हैं।

हर एक एक्सोप्लैटनेट अपने आपमें एक दुनिया है। एक्सोप्लैनेट हमारे सौरमंडल से बाहर होते हैं। ये सूर्य की जगह किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। नासा ने इससे पहले भी 90 के दशक में करीब 3000 एक्सोप्लैनेट ढूंढ चुका है।

सारे ग्रह सौर मंडल या आकाशगंगा से बाहर मौजूद
इसका पता नासा ने ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (टेस) की मदद से लगाया है। ये सारे ग्रह हमारे सौर मंडल या आकाशगंगा से बाहर मौजूद हैं, इसीलिए इन्हें एक्सोप्लैनेट्स कहा जा रहा है। चूंकि इन सभी को टेस की मदद से तलाशा गया है, इसलिए इन्हें टेस ऑब्जेक्ट इंट्रेस्ट कहा गया है। द नेन्सी ग्रेस रोमन स्पेस टेलीस्कोप 2027 में लांच होने वाला है।

अब तक 35% नेपच्यून जैसे ग्रह को खोजा गया
एक्सोप्लैनेट में 30% गैस ग्लेट्स हैं, 31% सुपर-अर्थ और 35% नेपच्यून जैसे ग्रह हैं। केवल 4% पृथ्वी या मंगल जैसे चट्टानी ग्रह हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी एरियल मिशन 2029 में लांच करेगी।

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