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इंदौर की 'आदर्श गौशाला' की दर्दनाक हकीकत:जंगल में पड़े मिले 100 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल; कुत्ते, गिद्ध और चील नोंच रहे थे लाशें

 इंदौर के पास पेडमी में आदर्श गौशाला का अवॉर्ड प्राप्त श्री अहिल्या माता गौशाला भी अब गायों के लिए क्रबगाह साबित हो रही है। यहां गौशाला के पास जंगल में करीब 100 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल पड़े मिले। जिन्हें कुत्ते, गिद्ध और चील समेत अन्य जंगली जानवर नोंच रहे थे। गौ सेवक संघ से जुड़े लोगों को जब इस बात की खबर लगी, तो जमकर हंगामा किया। साथ ही गौशाला ट्रस्ट के सुपरवाइजर पर केस दर्ज कराया। बता दें कि 3 साल पहले ही इस गौशाला को राज्य सरकार ने आदर्श गौशाला का अवार्ड दिया था।

ये पूरा मामला खुड़ैल इलाके के पेडमी के जंगलों का है। यहां श्री अहिल्या माता गौशाला में जीव दया मंडल ट्रस्ट गायों की देखरेख करता है। बुधवार को यहां अमावस्या होने के चलते गौ सेवक संघ के संयोजक मनोज तिवारी और उनके साथी पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें गौशाला के पास पेडमी के जंगलों में कई गायों के शव पड़े मिले।

जंगल में पड़े गायों के कंकाल
जंगल में पड़े गायों के कंकाल

बड़ी मुश्किल से कराया मामला दर्ज

गौ सेवक संघ के संयोजक मनोज तिवारी ने बताया कि प्रशासन, पशु विभाग और पुलिस कंट्रोल रूम को जंगल में गायों की मृत पड़े होने की सूचना दी, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। बाद में संघ के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता पेडमी चौकी पहुंचे। ACP अजय वाजपेयी से बात कर मुश्किल से मामला दर्ज कराया।

गायों के शवों को कुत्ते नोच रहे थे।
गायों के शवों को कुत्ते नोच रहे थे।

200 के करीब गायों के शव जंगल में फेंके

जानकारी के अनुसार अहिल्या माता गौशाला की क्षमता एक हजार गौवंश की है। यहां वर्तमान में 257 गाय, 143 बछिया, 116 बछड़े, 6 नंदी और 11 बैल मिलाकर रिकॉर्ड में 533 मवेशी होना बताया गया, जबकि हकीकत में 350 मवेशी ही मिले। ऐसे में अब तक 200 के करीब गायों की मौत होने और उनके शवों को जंगल में फेंकने की बात सामने आ रही है। गौशाला में स्वस्थ गायों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, उनके लिए शेड बनाए गए है। वहीं बीमार और बूढ़ी गायों को खुले में छोड़ दिया गया है।

गौशाला का पंजीयन प्रमाण पत्र
गौशाला का पंजीयन प्रमाण पत्र

रिकॉर्ड में 17 कर्मचारी, लेकिन दिखे सिर्फ 4-5

गौशाला के रिकॉर्ड के अनुसार यहां गायों की देखभाल के लिए 17 कर्मचारी नियुक्त हैं, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो 4 या 5 लोग ही काम करते नजर आते हैं। बाकी जिन लोगों के नाम रिकाॅर्ड में दर्ज हैं, उनमें से कई को ग्रामीणों ने यहां कभी देखा ही नहीं है।

सरकार ने दिया था दो करोड़ का अनुदान

गौशाला के रिकॉर्ड के अनुसार यहां बीमार और बुजुर्ग गायों की देखभाल के लिए छोड़ने वाले पहली बार में 2000 रुपए की रसीद कटवाते हैं। बाकी खर्च चंदे और सरकार से मिलने वाले फंड से ही चलता है। हालांकि पिछले साल ही राज्य सरकार ने इस गौशाला को दो करोड़ रुपए का अनुदान भी दिया था।

कुछ शव तो इतने पुराने थे कि पूरी तरह डिकम्पोज हो चुके थे।
कुछ शव तो इतने पुराने थे कि पूरी तरह डिकम्पोज हो चुके थे।

21 गायों के जियो टैग मिले

इस मामले में पुलिस ने अशोक पुत्र रामदीन पस्तोर निवासी द्वारकापुरी को आरोपी बनाया है। आरोपी पर 4, 6, 9 मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिशेध के मामले में केस दर्ज किया गया है। गौ सेवक संघ के मनोज तिवारी ने बताया कि उन्होंने यहां से 21 गाय के जियो टैग बरामद किए हैं, जिन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।

तिवारी ने बताया कि गौशाला में गायों के बुरे हाल है। उनकी देखभाल नहीं की जा रही है। खाने के भी इंतजाम नहीं किए गए हैं। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी मवेशियों के शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही है।

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