मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नया उद्योग लगाने, होटल व अस्पताल खोलने के लिए जल और वायु प्रदूषण को लेकर दी जाने वाली सहमति पत्र के शुल्क में रियायत देने की घोषणा की है। इसके तहत जहां पहले 10 लाख रुपए तक निवेश करने वाली संस्थाओं को 10 हजार रुपए शुल्क देना पड़ता था, उन्हें अब मात्र 800 रुपए ही शुल्क देना होगा। नए साल में विभाग की तरफ से विवाद से विश्वास योजना के तहत अब उन संस्थानों को भी लाभ मिलेगा जिनके प्रकरण ज्यादा फीस के कारण अटके हुए थे या फिर फीस जमा नहीं करने को लेकर प्रकरण न्यायालय में चल रहे थे। वे भी अब इस नए नियम के मुताबिक कम शुल्क जमा कर सहमति पत्र ले सकते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके गुप्ता के मुताबिक बोर्ड के अध्यक्ष अनुरुद्ध मुखर्जी द्वारा इसको लेकर दिसंबर में एक बैठक भी ली गई थी। उसके बाद इस योजना को 1 जनवरी से ही लागू कर दिया गया है। इसके चलते 25 लाख तक के निवेश पर अब 2000, 50 लाख तक वाले को 4000 और एक करोड़ रुपए तक वाले को 6000 रुपए वार्षिक शुल्क अदा करना होगा। इसमें खास बात यह होगी कि यह योजना केवल तीन महीने के लिए ही लागू रहेगी।
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