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इस बार 370 करोड़ रुपए महंगी होंगी दुकानें:1350 करोड़ में बिकेगी इंदौर की देसी-विदेशी शराब दुकानें, ड्यूटी घटाने से अवैध शराब पर कसेगी लगाम

मप्र सरकार की नई आबकारी नीति में जहां घर पर बार खोलने और शराब रखने की सीमा बढ़ाई, वहीं देशी शराब की दुकानों पर विदेशी शराब बेचने की अनुमति भी दी गई है। इंदौर में 106 देशी शराब की दुकानों पर अब 1 अप्रैल से विदेशी शराब भी बिकने लगेगी। इंदौर में पहले से ही 69 विदेशी शराब की दुकानें हैं। सरकार ने इंदौर की इन सभी 175 शराब की दुकानों के लिए अगले वित्त वर्ष का 1350 करोड़ रुपए मूल्य तय किया है।पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 370 करोड़ अधिक का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।

इंदौर जिले के उपायुक्त आबकारी राजनारायण सोनी के मुताबिक पिछले साल 10 माह के लिए 980 करोड़ का ठेका शराब दुकानों का दिया गया, उससे करीब 980 करोड़ रुपए की आय हुई थी। 12 महीने के हिसाब से गणना करें तो यह ठेका 1130 करोड़ का होता है।

सरकार ने देशी शराब की दुकानों पर 25 फीसदी और विदेशी दुकानों पर 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। उसके चलते आगामी वित्त वर्ष का इंदौर जिले की शराब दुकानों का आरक्षित मूल्य 1350 करोड़ रुपए तय किया गया है। शासन की नई आबकारी नीति के तहत जो दिशा-निर्देश मुख्यालय से मिलेंगे उसी के मुताबिक ठेका देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

अवैध शराब की बिक्री घटाने घटाई ड्यूटी
सोनी ने बताया कि नई आबकारी नीति की अलग-अलग तरह से समीक्षा की जा रही है। सरकार ने शराब पर ड्यूटी घटाई है। ड्यूटी घटाने से देशी और विदेशी शराब की कीमत में 15 से 20 फीसदी की कमी आएगी और इसके पीछे तर्क दिया गया है कि अवैध शराब की बिक्री घटेगी।

पिछले साल सिंडिकेट के दौरान गैंगवार में हुई थी फायरिग
वर्ष 2021 में इंदौर के विजयनगर में शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर पर सिंडिकेट के चलते ही फायरिंग हुई थी। जिसमें यह सामने आया था कि गोलीकांड का मकसद छोटे ठेकेदारों को डराना था, ताकि वे डर जाएं और अपना हिस्सा न मांगें। इंदौर में छोटे-बड़े 32 ठेकेदारों ने मिलकर 980 करोड़ में शराब दुकानों का ठेका लिया था। इसमें 30% हिस्सा छोटे ठेकेदारों का है। बड़े ठेकेदार मुनाफा नहीं देना चाहते हैं, इसलिए सिंडिकेट पर कब्जा करने के लिए गैंगवार की स्थिति बनी थी।



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