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डेंगू मरीजों की संख्या में पहले के मुकाबले कमी:चार दिन बाद 9 नए मरीज, 10 एक्टिव मरीज सहित इस साल इंदौर में 828 तक पहुंची संख्या

 

पिछले तीन महीनों से डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या में पिछले 10 दिनों में काफी कमी आई है। यह कमी त्यौहारों व अवकाश के कारण हुई है। स्थिति यह है कि चार दिन बाद मलेरिया विभाग ने रविवार को जो आंकड़े जारी किए उसके तहत केवल 9 नए मरीज मिले हैं जिनमें 4 बच्चे हैं। इनके सहित इस साल अब तक 828 डेंगूू मरीज पाए गए। इनमें से अभी एक्टिव केस 10 हैं जबकि 4 मरीज एडमिट हैं।

30 अक्टूबर को 10 नए मरीज पाए गए थे। इसके बाद सीधे 3 नवम्बर को 15 नए मरीज सामने आए। अब रविवार को 9 नए मरीज मिले। इस तरह 9 दिनों में 34 नए मरीज मिले जबकि इसके पूर्व औसतन हर दिन करीब 15 नए मरीज पाए जाते थे। दरअसल, 31 अक्टूबर को रविवार अवकाश था जबकि 3 नवम्बर से दीपोत्सव था। इसके चलते अस्पतालों में भी कम मरीज पहुंचे हालांकि प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू के मरीज भर्ती है जो सरकारी रिकॉर्ड में नहीं हैैैं।

गंदा पानी जमा नहीं होने दें

  • जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि डेंगू जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होता है जबकि डेंगू एडीज इजिप्टी (मादा मच्छर) के काटने से फैलता है। यह बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। यह स्थिति तब बनती है घरों में या आसपास एक ही स्थान पर बहुत दिनों से पानी जमा हो। जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमलों आदि भी कई बार पानी जमा रहता है जो डेंगू का कारक बनता है।
  • लोगों से अपील की गई है कि वे पानी जमा नहीं होने दें और निकासी का प्रबंध करें।
  • एडीज मच्छर पानी जमाव होने की स्थिति में सक्रिय हो जाते हैं। इन मच्छरों की प्रकृति यह है कि ये दिन में ही काटते हैं।
  • फिर कुछ समय बाद इसकी चपेट में आए लोगों को तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत पड़ना, सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन आदि लक्षण दिखते हैं।
  • ऐसे में संबंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। इसके बाद ब्लड टेस्ट में इसकी जांच होती है जिसमें पुष्टि होती है कि उसे डेंगू है या दूसरी बीमारी।

बचाव के ये तरीके भी

  • मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट, क्रीम, कॉइल और स्प्रे का इस्तेमाल करें।
  • खिड़की और दरवाजों को सुरक्षित करें या यदि आवश्यक हो तो मच्छरदानी का उपयोग करें।
  • यदि संभव हो तो एयर कंडीशनिंग घर के अंदर इस्तेमाल करें।

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