Header Ads Widget

Responsive Advertisement

जिला न्यायालय में 11 दिसम्बर को आयोजित होगी नेशनल लोक अदालत

इंदौर:जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्यायाधीश/सचिव श्री मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया है कि इन्दौर जिले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्षजिला विधिक  सेवा प्राधिकरण श्री दिनेश कुमार पालीवाल के मार्गदर्शन में 11 दिसम्बर2021 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। 11 दिसम्बर2021 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित मोटर   दुर्घटना दावासिविलविद्युत चोरी से संबंधितचैक बाउन्सभरण पोषणघरेलू हिंसाश्रम प्रकरण एवं राजीनामा योग्य दांडिक/आपराधिक प्रकरणों एवं प्रीलिटिगेशन मामलों का निराकरण आपसी समझौतों के आधार पर किये जाने हेतु गठित खण्डपीठों में भेजे जायेंगे।

      सचिव श्री श्रीवास्तव ने बताया है कि लोक अदालत में ऐसे प्रकरणों को रखा जाता हैजिनमें पक्षकारों के बीच समझौते की संभावना होऐसे पक्षकारों को लोक अदालत की खण्डपीठ द्वारा समझाईस दी जाती है और समझाईस के फलस्वरूप यदि पक्षकारों के मध्य राजीनामे की सहमति बनती हैतो पक्षकारों के मध्य तय शर्तो के अनुसार राजीनामा न्यायालय के समक्ष हो जाता है। लोक अदालत में आपसी राजीनामे के आधार पर प्रकरणों के निराकरण की दशा में पक्षकारों के मध्य संबंध मधुर बने रहते हैवहीं न्यायालय से गुण-दोषों के आधार पर फैसले के आधार पर कोई-न-कोई पक्ष असंतुष्ट रह जाता हैजो न्यायालय में फैसले के विरूद्ध वरिष्ठ न्यायालय में कार्यवाही करता है और अदालती कार्यवाही में पक्षकारों का पैसा और समय दोनों ही खर्च होता है। लोक अदालत में मामले का निराकरण समझौते के आधार पर होने पर पैसे और समय दोनों की ही बचत होती है।

      नेशनल लोक अदालत में दीवानी मामलों में राजीनामा लोक अदालत के समक्ष किये जाने की स्थिति में वादी के द्वारा जो कोर्ट फीस हजारों-लाखों रूपये की स्टाम्प के रूप में दी गई होती हैवह पूरी की पूरी कोर्ट फीस वादी को वापस प्राप्त करने का अधिकार होता है।  इसी प्रकार चैक बाउन्स वाले मामलों में भी परिवादी द्वारा हजारों-लाखों रूपये कोर्ट फीस जमा करते हुए चैक बाउन्स के संबंध में परिवाद न्यायालय में पेश किया जाता हैयदि चैक बाउन्स वाले मामलों में भी लोक अदालत में राजीनामा होता हैतो दी गई कोर्ट फीस की राशि भी पूरी-की-पूरी परिवादी को वापस प्राप्त करने का अधिकार होता है। इसी प्रकार वाहन दुर्घटना वाले मामलों में भी बीमा कंपनी या विरोधी पक्षकार से लोक अदालत में राजीनामा के फलस्वरूप मामले का शीघ्र निराकरण हो जाता है और पक्षकार को शीघ्र ही मुआवजा राशि मिल सकती है। धारा 138 निगोशिएबल इन्स्टूमेंट एक्ट के तहत चैक बाउन्स वाले मामलों में यदि अभियुक्त न्यायालय से उपस्थिति हेतु सूचना पत्र प्राप्त होने के पश्चात् प्रथम दो अवसर के पश्चात् यदि राजीनामा करता हैतो उसे राजीनामा शुल्क के रूप में चैक की राशि की 10 प्रतिशत राशि राजीनामा शुल्क के रूप में देनी होती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे सभी पक्षकारों से यह अपील करता है कि यदि उन्हें हाल ही में इस बात की जानकारी हुई है कि उनके विरूद्ध चैक बाउन्स का मामला न्यायालय में लगा हुआ है या उन्हें न्यायालय से मामले में उपस्थित होने के लिये हाल ही में नोटिस प्राप्त हुआ हैतो ऐसे सभी पक्षकार संबंधित न्यायालयों में उपस्थित होकर राजीनामा कर प्रकरण का लोक अदालत में निराकरण कराते हुए राजीनामा शुल्क की राशि का भुगतान करने से बच सकते है। 

      जिला विधिक सेवा प्राधिकरणइन्दौर ऐसे सभी पक्षकारों ‘‘जिनके चैक बाउन्स के मामले न्यायालयों में लंबित हैजिसमें वे फरियादी/अभियुक्त के रूप में पक्षकार है‘‘ से अपील करता है कि यदि उनके प्रकरण में राजीनामा की संभावना है या वे राजीनामा करना चाहते हैंतो न्यायालय में उपस्थित होकर राजीनामा के संबंध में वार्ता हेतु उपस्थित होकर आगामी नेशनल लोक अदालत में अपने प्रकरण का निराकरण करा सकते हैं। भारत संचार निगम लिमिटेड से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत संचार निगम लिमिटेड के ऐसे उपभोक्ताओं को जिन पर 1 वर्ष से अधिक अवधि का टेलीफोन लैण्डलाईनब्राडबैण्डएफ.टी.टी.एचमोबाईल पोस्टपेड बिल  बकाया हैवे 11 दिसम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय में उपस्थित होकर डिस्काउंट स्कीम का फायदा उठाते हुए भारत संचार निगम लिमिटेड (ठैछस्) द्वारा प्रस्तुत प्री-लिटिगेशन प्रकरण में बकाया राशि के भुगतान पर 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक की छूट प्राप्त कर प्रकरण का निराकरण करा सकते हैं।

      लोक अदालत में लैण्डलाईनब्राडबैंडएफ.टी.टी.एच. सहित मोबाईल पोस्टपेड से संबंधित रखे जाने वालों प्रकरणों में 31 मार्च 2021 की स्थिति में एक वर्ष से अधिक पुराने बिलों की राशि के भुगतान पर 10 प्रतिशत2 वर्ष से अधिक पुराने बिलों की राशि के भुगतान पर 25 प्रतिशत3 वर्ष से अधिक पुराने बिलों की राशि के भुगतान पर 30 प्रतिशत एवं 5 वर्ष से अधिक पुराने बिलों की राशि के भुगतान पर 50 प्रतिशत तक की छूट उपभोक्ता को दी जायेगी। वर्ष 2021 में प्रथम लोक अदालत 10 जुलाई 2021 कोद्वितीय लोक अदालत 13 सितम्बर 2021 को आयोजित होकर 11 दिसम्बर 2021 को यह तृतीय नेशनल लोक अदालत आयोजित की जा रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरणइन्दौर ऐसे सभी व्यक्तियों से ‘‘जिनके मामलें जिला न्यायालय में लम्बित है‘‘ अपील करता है कि यदि उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये मामले में या उनके विरूद्ध कोई मामला चल रहा होजो कि राजीनामा योग्य होमें सुलह समझौते की संभावना हो तो वे सुलह समझौते हेतु अपने प्रकरण को 11 दिसम्बर2021 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में रखवा सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ