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OBC आरक्षण का मामला:हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार; मुख्यमंत्री ने देर शाम बुलाई बैठक, क्रीमीलेयर की सीमा 8 से बढ़ाकर 12 लाख करने की तैयारी

 

सरकारी भतियो में पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बुधवार देर शाम पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई। इसके साथ ही आेबीसी वर्ग के लिए क्रीमीलेयर की सीमा को 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख (सालानाआय) करने पर भी विचार हुआ। बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुश्वाहा ने बताया कि बैठक में पिछड़ा वर्ग के सभी विधायक, सांसद व माेर्चा के पदाधिकारी शामिल हुए थे। जिसमें माेर्चा के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने सरकारी भर्तियों में ओबीसी वर्ग के आरक्षण की सीमा को 14% को बरकरार रखे जाने को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रक्रियागत तरीके से इस ममाले में आगे बढ़ेगी। कुश्वाहा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27% कर दिया था, लेकिन जब इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तो सरकार की तरफ से सही तरीके से पक्ष नहीं रखा गया। लेकिन अब इस ममाले में नियमानुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर बैठक में चर्चा हुई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 27% OBC आरक्षण सहित अन्य सभी याचिकाओं पर मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है। OBC आरक्षण को लेकर पूर्व में दिए गए आदेश में अंतरिम बदलाव करते हुए OBC की सभी भर्तियां 14% रिजर्वेशन के अनुसार करने का आदेश दिया है। 13% रिजर्वेशन रिजर्व रखने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। दरअसल, रिजर्वेशन पर फैसले के इंतजार में भर्ती प्रक्रियाओं पर असर पड़ रहा था।

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