पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने किसानों की परेशानी को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक लेटर लिखा है। दो पेज के इस लेटर में पटवारी ने कहा है कि कर्जमाफी नहीं होने से किसान परेशान है। ऐसे में नकली खाद, बीज ने तो उसकी कमर ही तोड़कर रख दी है। उसे बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा हैै। आपके कृषि मंत्री ने इस बार किसानों को साेया की फसल नहीं बोने की सलाह दि गई थी। उसी को मानते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने मक्के की फसल बो दी है। इस सलाह के बाद अब मप्र को मिला सोया स्टेट का तमगा छिनने की कगार पर है। हालांकि अब हमारी यही मांग है कि मक्के की खरीदी समय पर और समर्थन मूल्य पर हो, जिससे किसानों को भटकना न पड़े।
पटवारी ने यह सीएम को यह लेटर लिखा...
मध्यप्रदेश में किसान कर्जमाफी नहीं होने से जहां किसानों पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं अब नकली बीज, नकली खाद के चलते उनकी मेहनत बर्बाद होने के साथ ही उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश के किसानों को सही समय पर सोयाबीन का बीज नहीं मिलने के कारण इस वर्ष सोयाबीन के स्थान पर अधिकांश रकबे में मक्के की बोनी की गई है। मंत्री कमल पटेल ने भी किसानों को सोयाबीन नहीं बोने की सलाह दी थी, जिसे किसानों ने मानते हुए सोयाबीन की जगह मक्के की फसल बोई है। हालांकि मंत्री की इस सलाह से मध्यप्रदेश को मिला सोया स्टेट का तमगा उससे छिनने की कगार पर है। वहीं, सोयाबीन की जगह मक्के की फसल की बोनी होने से प्रदेश में इस बार मक्के की अधिकता रहने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए मक्के की खरीदी समय पर और समर्थन मूल्य पर हो। जिससे फसल आने के बाद किसानों को भटकना न पड़े और उनकी मेहनत को सही समय पर सही मूल्य मिल सके।
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