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कंपनी के रूप में गठित हुआ बैड बैंक:एसबीआई के पूर्व बैंकर के हाथ कमान, भारतीय बैंकों को जल्द मिल सकेगी लाखों करोड़ रुपए के एनपीए से मुक्ति

 

बैड बैंक के बनने से एनपीए के बोझ से दबे भारतीय बैंकों को काफी राहत मिलेगी और वे नए कर्ज दे पाने में सक्षम होंगे। - Dainik Bhaskar
बैड बैंक के बनने से एनपीए के बोझ से दबे भारतीय बैंकों को काफी राहत मिलेगी और वे नए कर्ज दे पाने में सक्षम होंगे।
  • बैंकों के 500 करोड़ रुपए से अधिक बकाया वाले 80 खाते होंगे इसमें ट्रांसफर

भारत में बेंको के बैड लोन को कम करने की प्रक्रिया को मूर्त रूप मिलना शुरू हो गया है। इसके लिए पूर्व में घोषित बैड लोन बैंक का रजिस्ट्रेशन नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) के रूप में कंपनी रजिस्ट्रार के पास हो गया है। कंपनी रजिस्ट्रार के पास फाइलिंग के मुताबिक पद्मकुमार माधवन नायर को एनएआरसीएल का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है। नायर इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में तनावग्रस्त लोन के समाधान के लिए काम कर चुके हैं।

इंडियन बैंक के सीईओ सुनील मेहता इसके डायरेक्टर होंगे, वहीं एसबीआई के साली सुकुमारन नायर और केनरा बैंक के अजीत कृष्णन नायर बोर्ड में नॉमिनी डायरेक्टर होंगे। एनएआरसीएल के रजिस्ट्रेशन के साथ ही दुनिया में कुछ सबसे बड़े बुरे कर्जों को बैंकों की बैलेंस शीट से कम करने की प्रक्रिया को गति मिलेगी। एनएआरसीएल की पेड-अप कैपिटल 74.60 करोड़ रुपए होगी।

इस बैड बैंक के बनने से एनपीए के बोझ से दबे भारतीय बैंकों को काफी राहत मिलेगी और वे नए कर्ज दे पाने में सक्षम होंगे। अब निवेशकों की नजर इस बात पर है कि कितने प्रभावी तरीके से यह बैड लोन बैंक एनपीए की समस्या का समाधान करने के लिए काम करता है। एनएआरसीएल की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में की थी। इसे बैंकों के एनपीए यानी फंसे हुए कर्ज का निपटारा करने के लिए बनाया गया है।

जानकारी के मुताबिक 500 करोड़ रुपए से अधिक वाले बैंकों के लगभग 80 एनपीए खाते बैड बैंक में ट्रांसफर हो जाएंगे। इससे लगभग 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का एनपीए बैंकों के खाते से निकलकर एनएआरसीएल में चला जाएगा।

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