कोरोना की दूसरी लहर के बाद दो बड़ी फार्मा कंपनियों ने इंदौर की ओर रुख किया है। गुजरात नवसारी की गूफिक बायोसाइंसेस लिमिटेड कंपनी ने पीथमपुर में 50 एकड़ जमीन के लिए एमपीआईडीसी के साथ करार कर लिया है। यह कंपनी रेमडेसिविर से लेकर फंगल इंफेक्शन, कोरोना में लगने वाली एजिथ्रोमाइसिन व अन्य दवाएं बनाने का काम करती है।
कंपनी यहां पर 139 करोड़ रुपए का निवेश करेगी और इसने यहां 1100 लोगों को रोजगार देने का वादा किया है। इंदौर और इसके आसपास काम करने वाली फार्मा कंपनियों ने जब गूफिक के मैनेजमेंट को इंदौर जाकर निवेश के माहौल देखने की बात कही तो कंपनी के पदाधिकारी अनलाक के बाद इंदौर आए थे और अब उन्होंने जमीन फाइनल कर जमीन आवंटन भी ले लिया है।
इसी के साथ केंद्र सरकार की सार्वजनिक उपक्रम कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्यूटिकल द्वारा भी पहली बार कर्नाटक के बाहर अपना प्लांट स्थापित किया जा रहा है और इसके लिए उन्होेंने इंदौर को चुना है। कंपनी दो जगह जमीन देख चुकी है इसमें से एक को फाइनल किया जाएगा। यह कंपनी जीवनरक्षक व जरूरी दवाएं बनाने का काम करती है और इसका अभी बैंगलुरू में प्लांट है। एमपीआईडीसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रोहन सक्सेना ने कहा कि निवेश का बेहतर माहौल बना हुआ है, पीथमपुर के साथ ही देवास, उज्जैन आदि क्षेत्रोें में भी कई कंपनियां जमीन देख रही है।
कोविड के 16 माह के दौर में 361 कंपनियों ने ली है जमीन
वहीं कोविज के पूरे 16 माह के दौर में इंदौर रीजन में 361 कंपनियों ने एमपीआईडीसी से जमीन ली है। यहां पर 3467 करोड़ रुपए का निवेश कर तीन से चार साल में प्लांट स्थापित किए जाएंगे और इससे 15 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
196 करोड़ के हुए करार, 1700 को मिलेगा रोजगार
अनलॉक के साथ ही इंदौर में 45 दिन में 70 से ज्यादा कंपनी के मैनेजमेंट जमीन देखने आ चुके हैं। इसमें से 31 कंपनियों ने कुल 196 करोड़ के निवेश के करार करते हुए जमीन ले ली है। इससे 1700 लोगों को रोजगार मिलेगा।
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