कोरोना संक्रमण में अभिभावकों को खो चुके बच्चे अब बिना फीस दिए ही स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे। ऐसे 230 बच्चे हैं, जिन्हें स्कूल में एडमिशन मिला है। इनमें कुछ बच्चे माता-पिता को खो चुके हैं तो कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनके पिता नहीं हैं। रविवार को जाल सभागृह में बच्चों को स्कूल का सर्टिफिकेट व चेक वितरित किए गए। सांसद शंकर लालवानी ने ऐसे बच्चों के लिए मुहिम चलाई थी। इन सभी बच्चों को शहर के अलग-अलग सीबीएसई व एमपी बोर्ड के स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया है।
योजना क्यों शुरू की, सांसद ने सुनाया किस्सा
सांसद लालवानी ने एक किस्सा सुनाया कि एक बच्ची आई थी और उसने कहा था कि वह अब पढ़ाई जारी नहीं रख पाएगी, क्योंकि उसे छोटे भाई-बहनों को पढ़ाना है। इस पर मैंने कहा था कि तुम भी पढ़ाई करोगी और तुम्हारे भाई-बहन भी पढ़ेंगे।
अब कॉलेज के लिए करेंगे पहल
सांसद लालवानी ने बताया बुधवार को कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर भी बैठक की जाएगी। जल्द ही उनके एडमिशन की भी व्यवस्था की जाएगी। कलेक्टर मनीष सिंह व समाजसेवी अनिल भंडारी ने कहा यह अच्छी पहल है। उपस्थित पालकों और बच्चों ने भी खुशी जताई। केतन भंडारी, सावन लड्ढा, विशाल गिदवानी, यूके झा, आरके शर्मा आदि भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान ही मदद के लिए आगे आने लगी संस्थाएं
- जिन बच्चों का एडमिशन करवाया है, उनकी फीस की राशि 1 करोड़ हुई। इसमें कुछ मदद सांसद लालवानी ने, कुछ सामाजिक संस्थाओं ने, कुछ स्कूलों ने दी।
- कार्यक्रम के तुरंत बाद कुछ संस्थाओं ने सांसद से संपर्क कर कहा कि वे बच्चों के लिए कॉपी-किताब की व्यवस्था करके देंगे।
- एक संस्था ने बच्चों को हर माह स्कॉलरशिप देने की बात भी कही है।
0 टिप्पणियाँ