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इंदौर में गर्भवती महिलाओं को टीके लगना शुरू:70 हजार महिलाओं को लगाए जाएंगे, 7 सरकारी अस्पतालों को बनाया सेंटर

 

शहर में शुक्रवार को गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगना शुरू हो गई। इसके लिए शहरी क्षेत्रों में 7 सरकारी अस्पतालों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में महू, मानपुर, सांवेर, देपालपुर एवं बेटमा में सेंटर बनाए गए हैं। शुरुआती दो घंटे में शहरी क्षेत्र में 65 से ज्यादा महिलाओं को वैक्सीन लगाई गई। इनमें से किसी को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। वैसे शहर में करीब 70 हजार गर्भवती महिलाएं हैं जिन्हें हफ्ते में एक दिन वैक्सीन लगाई जाएगी। कोशिश की जा रही है कि इन गर्भवती महिलाओं को जल्द से जल्द दोनों डोज लगा दिए जाएं क्योंकि संभावित तीसरी लहर से सबसे ज्यादा खतरा इन्हें और बच्चों को ही है।

पीसी सेठी अस्पताल में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही।
पीसी सेठी अस्पताल में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही।

शुक्रवार सुबह 9 बजे से एमवायएच की ओपीडी, जिला अस्पताल, सिविल अस्तपाल, पीसी सेठी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (बाणगंगा) मांगीलाल चूरिया हॉस्पिटल (आम्बेडकर नगर) व नंदानगर प्रसूति गृह में वैक्सीनेशन का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान बारिश होने से शुरू में महिलाएं कम संख्या में आई। बाद में पीसी सेठी अस्पताल में जरूर संख्या बढ़ी जिससे महिलाओं को कुछ देर खड़े रहना पड़ा। अधिकांश सेंटरों का संचालन महिला स्टाफ द्वारा ही किया जा रहा है। वैक्सीन शाम 5 बजेे तक चलेगी। खास बात यह कि इन्हें कोवैक्सीन ही लगाए जा रहे हैं। वैक्सीन लगाने के पहले महिलाओं की इसे लेकर काउंसलिंग भी की गई कि वैक्सीन से उन्हें खतरा नहीं बल्कि यह सुरक्षा कवच है।

सीएमएचओ डॉ. सैत्या ने स्टाफ को दी हिदायत

सुबह सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या नंदानगर प्रसूति गृह पहुंचे और सेंटर का जायजा लिया। उन्हें स्टाफ को हिदायत दी कि वैक्सीन के पहले महिलाओं की काउंसिंग कर उन्हें इसका महत्व बताए। उन्होंने खुद भी महिलाओं से बात की और वैक्सीन लगाने को कहा। इसके बाद उन्होंने पीसी सेठी अस्पताल, मांगीलाल चूरिया, बाणगंगा अस्पताल की स्थिति भी जानी। यहां दो घंटे में 20 से ज्यादा महिलाओं को वैक्सीन लग चुकी थी।।

नंदानगर प्रसूति गृह का जायदा लेते सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या
नंदानगर प्रसूति गृह का जायदा लेते सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या

इन परिस्थितियों में लगाई जाती है वैक्सीन

- गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का खतरा अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा होता है।

- जिन महिलाओं में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं उन्हें वैक्सीन की सलाह दी जाती है। यह गर्भावस्था में किसी भी समय में लगाए जा सकती है।

- यदि गर्भवती महिला संक्रमित हो चुकी है तो उसे डिलीवरी के बाद वैक्सीन लगाई जाएगी।

- गर्भवती महिला को यदि एलर्जी या अन्य कोई जोखिम के लक्षण हैं तो वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी।

- गर्भवती यदि डी.टी. का टीका भी लगा रहीं हैं, तो उसी दिन कोविड का टीका भी लगवा सकती हैं।

यह है व्यवस्था

गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन केवल ऑनलाइन ही किया जा रहा है। वैक्सीन लगने के बाद ‘सुमन हेल्प डेस्क’ के माध्यम से 20 दिन तक महिला का फॉलोअप लिया जाएगा तथा कोविड-19 की एंट्री एमसीपी कार्ड पर की जाएगी। वैक्सीन लगने के 20 दिनों में अगर कोई भी लक्षण दिखाई देने पर उन्हें तुरंत 1075 या 104 पर कॉल करना होगा।

28 दिनों बाद तुरंत दूसरा डोज इसलिए कोवैक्सीन ही

सीएमएचओ डॉ. सैत्या ने बताया कि अन्य टीकों की तरह इसके सामान्य प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्का बुखार, सिरदर्द, टीके के स्थान पर दर्द हो सकता है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह स्वत: दो दिन में ठीक हो जाते हैं। टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि राज्य शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं सिर्फ कोवैक्सीन लगाने के ही निर्देश हैं वह इसलिए कि इसमें पहले डोज का ड्यूरेशन 28 दिन का होता है। इसके तुरंत बाद दूसरा डोज लगाया जाता है जबकि कोविशील्ड का ड्यूरेशन 84 दिनों का है। महिलाएं गर्भास्था के किसी भी माह में वैक्सीन लगा सकती है।


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