20, 23 और 24 कैरेट ज्वेलरी को भी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा मान्यता प्रदान कर दी गई है। अब सोने की हाॅलमार्किंग वाली ज्वेलरी 6 कैटेगरी में बंट गई है। इससे लोकल सराफा में भी ज्यादा कैरेट शुद्धता वाली ज्वेलरी बन सकेगी। ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मप्र के सचिव संतोष सर्राफ ने बताया कि अभी तक बीआईएस ने 14, 18 और 22 कैरेट में ही हॉलमार्क वाली ज्वेलरी को मान्यता दी थी।
इन तीन नई कैटेगरी के बढ़ने के बाद ग्राहकों के सामने काफी सारे विकल्प खुल जाएंगे। इंदौर चांदी सोना जवाहरात एसोसिएशन के सचिव अविनाश शास्त्री ने कहा- शहर के सराफा बाजार में ग्रामीण क्षेत्र की ग्राहकी काफी ज्यादा होती है। ऐसे में 20, 23 और 24 कैरेट की हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी में डिमांड बढ़ जाएगी। इससे कॉरपोरेट और नॉन कॉर्पोरेट के बीच हॉल मार्किंग को लेकर जो खाई थी वह खत्म हो जाएगी।
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