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पर्यटन का द्वार बन रहा:रालामंडल में 2 तरह की नाइट सफारी उमरीखेड़ा में साइकिल-वॉकिंग ट्रैक

 

  • दो मंत्री, पीएस, पीसीसीएफ ने 3 माह में दो प्रोजेक्ट पूरा करने का रखा लक्ष्य

रालामंडल अभयारण्य, खंडवा रोड स्थित उमरीखेड़ा नर्सरी और बिजासन क्षेत्र में उलझी वन विभाग की जमीनों को नई शक्ल के लिए बुधवार को वन मंत्री, जल संसाधन मंत्री, प्रमुख सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक इंदौर में जुटे। उजाड़ पड़ी उमरीखेड़ा में नर्सरी विकसित करने, रालामंडल में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर सहमति बनी। बिजासन में जमीन का झगड़ा सुलझने के बाद यहां पौधे लगाकर मिनी फाॅरेस्ट बनाया जाएगा। वन मंत्री विजय शाह, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, प्रमुख सचिव (वन) अशोक वर्णवाल, पीसीसीएफ आरके गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों ने तीनों स्थानों का पहले तो निरीक्षण किया। फिर योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए रालामंडल में बैठक हुई।

सबसे पहली बात यह आई कि पक्के निर्माण की योजना उमरीखेड़ा और रालामंडल के लिए बनाई गई तो अनुमति मिलने में लंबा समय लगेगा। केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट की साधिकार समिति तक प्रस्ताव जाते हैं, इसलिए ऐसे काम किए जाएं जिनकी अनुमति शासन स्तर से ही मिल जाती है।

रालामंडल : टेलीस्कोप भी लगेगा

  • बायपास के पास एक बड़ा गेट बनेगा, जिस पर अभयारण्य की जानकारी होगी।
  • बायपास से रालामंडल तक रोड चौड़ा होगा
  • वन्य जीवों की शरण स्थली के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां रेस्क्यू किए प्राणियों को रख सकेंगे।
  • डियर सफारी के लिए और हिरण लाएंगे।

1. पहली नाइट सफारी पहाड़ी के चारों तरफ बाॅर्डर से सटकर चलेगी, ताकि एनिमल जोन के जानवर दिख सकें। दूसरी सफारी रालामंडल गेट से पहाड़ी की चोटी पर स्थित शिकारगाह तक रहेगी। म्यूजियम लोग देख सकेंगे।

2. शिकारगाह पर टेलीस्कोप लगाने से पर्यटक चांद-तारे ग्रह देख सकेंगे। इसके अलावा बटर फ्लाई पार्क बनाना भी तय किया गया है।

5 साल में दूसरी योजना
नाइट सफारी की योजना 5 साल में दूसरी बार बनी है। इसके पहले भी जीप खरीदी गई, लेकिन सफारी शुरू नहीं हो पाई। अब एक महीने में शुरू करने की योजना है। दो गाड़ी का इंतजाम करना है।

कितना संभव है?
टेंडर समय पर जारी कर दिए जाएं तो तीन से चार माह में शुरू हो सकती है। बजट मिल जाए तो बटर फ्लाई पार्क अगले साल तक बन सकता है।

उमरीखेड़ा : तीन-चार तालाब और पार्क भी बनेगा

उमरीखेड़ा में पांच से छह किमी का कच्चा ट्रैक बनाया जाएगा, ताकि लोग इस पर साइकिल और पैदल घूम सके। इसके अलावा यहां पर तीन से चार छोटे तालाब, झोपड़ी और पार्क भी बनाना तय किया है। कच्चा ट्रैक इसलिए बनाया जाएगा क्योंकि सीमेंट या पेवर ब्लाक के लिए ट्रैक के लिए लंबी-चौड़ी प्रक्रिया पूरी करना होगी। केंद्र सरकार तक प्रपोजल जाता। अनुमति नहीं मिलने की संभावना रहती है।

पूरा होने की कितनी संभावना
इन कार्यों के लिए सबसे पहले बजट की आवश्यकता होगी। महीनेभर में प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद इसे वन विभाग और वित्त विभाग से अनुमति मिलने के बाद काम शुरू होगा। अगले छह से आठ महीने तक यहां कुछ भी काम शुरू होने के आसार नहीं है। प्रक्रियाओं में ही इतना वक्त लग जाएगा।

बिजासन : जमीन के मसले सुलझाने सर्वे कराएंगे
बिजासन में जमीनों की उलझन सुलझाने के लिए कलेक्टर के द्वारा संयुक्त सर्वे का आदेश जारी किया जाएगा। पहले जमीनों का सीमांकन किया जाएगा। जमीन क्लियर होने के बाद वन विभाग योजनाएं बनाएगा।

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