- तीसरी लहर: पहले से किया दवा का इंतजाम
कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से गंभीर मरीजों को दवाई का इंतजार करना पड़ा था वैसी नौबत तीसरी लहर में न आए इसलिए पहले से मेडिकल स्टोर और अस्पतालों में स्टॉक किया गया है। शहर में एक हजार रेमडेसिविर उपलब्ध हैं। कोविड अस्पतालों के पास भी करीब आठ से नौ हजार डोज का स्टॉक है। इनकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए होती है।
करीब 30 हजार में आने वाला टोसिलिजुमैब इंजेक्शन का 100 का स्टॉक है। हालांकि तीसरी लहर में दवाई का अभी कोई आकलन नहीं है, फिर भी सरकार ने कंपनियों से रेट कॉन्ट्रेक्ट कर रखा, ताकि सीधे ऑर्डर देकर ले सकें।
निजी ड्रग व वैक्सीन हाउस संचालक डॉ. मकरंद शर्मा बताते हैं कि डीआरडीओ द्वारा ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने का डीऑक्सी डी ग्लूकोज ओरल पावडर (ओटूडीजी) भी इंदौर आ गया है। 59 हजार रुपए प्रति डोज की एंटीबॉडी कॉकटेल डोज, ब्लैक फंगस उपचार के इंजेक्शन भी उपलब्ध हैं।
वैक्सीन विक्रेता मनोज राय बताते हैं कि डिमांड नहीं होने से अब रेमडेसिविर मंगाना ही बंद कर दिया है। स्टॉक भी पर्याप्त है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन भी डीलर्स के पास काफी संख्या में रखे हैं, जिनकी मांग अब बिलकुल नहीं है। बड़े अस्पतालों के पास 1 माह के इलाज का स्टॉक है।
शासन के पास इन दवाओं का स्टॉक
- रेमडेसिविर 1.30 लाख (करीब 20 करोड़ की)
- टोसिलिजुमैब इंजेक्शन 400 (करीब एक करोड़)
- ब्लैक फंगस इंजेक्शन 12 हजार
- कोरोना किल की होम किट- करोड़ों की संख्या में मौजूद
- ओटूडीजी पाउच- 50 हजार (साढ़े चार करोड़ करीब की)
- एंटीबॉडी कॉकटेल- 500 डोजेज (करीब तीन करोड़ की)
- (एंटीबॉडी कॉकटेल दान में मिली है, इसी तरह कंपनियों से कई और दवाइयां दान और सीएसआर में मिली हैं)
दूसरी लहर में रही दवाओं की किल्लत
- 60 हजार से ज्यादा रेमडेसिविर लगे। 10-10 दिन की रेमडेसिविर की वेटिंग रही।
- 4000 से ज्यादा टोिसलिजुमैब की मांग थी, 500 ही मिले। दुबई से भी बुलाया।
- फेविफ्लू, मल्टी विटामिन की कुछ दिन कमी रही।
शासन ने कॉन्ट्रेक्ट रेट भी तय कर लिए
कोरोना के इलाज में लगने वाली दवाइयों का स्टॉक पर्याप्त है। शासन ने जरूरी दवाओं के कॉन्ट्रेक्ट रेट भी तय कर लिए हैं। जैसे ही जरूरत होगी तो तत्काल इनकी आपूर्ति हो सकेगी।
- आकाश त्रिपाठी, सचिव लोक स्वास्थ्य
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