- एसटीपी से निकलने वाले स्लज व पेड़ों की गिरने वाली डालियों से बनेगी सीएनजी
रजधानी में एक साल के भीतर 300 सीएनजी बसें दौड़ेंगी। भोपाल सिटीलिंक लिमिटेड कंपनी हैदराबाद की इनक्यूबेट सॉफ्टेक कंपनी से अनुबंध करने जा रही है। कंपनी को 280 दिन यानी 9 माह दस दिन के भीतर यह बसें लाना होंगी। शहर में अभी बीसीएलएल के पास 200 बसें हैं। यानी सिटी बसों की कुल संख्या 500 हो जाएगी।
बीसीएलएल लंबे समय से शहर में सीएनजी बसों के संचालन के लिए कंपनी तलाश रहा था। इसके साथ ही आदमपुर छावनी में 200 मीट्रिक टन क्षमता का एक और बायो सीएनजी प्लांट लगेगा। इस प्लांट में शहर में स्थापित हो रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का स्लज और जगह-जगह गिरने वाली पेड़ों की डालियों आदि का उपयोग होगा। यदि प्लांट लगाने वाली कंपनी चाहे तो आसपास के शहरों से भी ग्रीन वेस्ट ले सकेगी।अभी यहां 6 एकड़ जमीन पर यूनिडो की सब्सिडी से प्लांट लगाने के लिए बाउंड्री वॉल आदि का काम शुरू हो गया है। यानी शहर के कचरे से 400 मीट्रिक टन बायो सीएनजी बनेगी।
थिंक गैस लगाएगी पांच सीएनजी पंप, निगम काे 7% डिस्काउंट भी देगी
नगर निगम ने इंडियन ऑइल की सिस्टर कंपनी थिंक गैस सीएनजी पंप लगाने के लिए अनुबंध किया है। माता मंदिर स्थित डीजल टैंक, बैरागढ़ बस डिपो, सावरकर सेतु, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र और आरिफ नगर में यह पंप लगेंगे। कंपनी नगर निगम को सीएनजी पर 7 प्रतिशत डिस्काउंट देगी और निजी वाहनों को सीएनजी बेचने पर निगम को 3 प्रतिशत कमीशन भी मिलेगा। फिलहाल निगम के पास सीएनजी से चलने वाली 25 कचरा गाड़ियां हैं। इन गाड़ियों को नेहरू नगर स्थित पुलिस वेलफेयर पेट्रोल पंप से सीएनजी मिल रही है।
प्लांट में कचरे का होगा उपयोग
आदमपुर छावनी में करीब 400 टन मिक्स कचरे से एनटीपीसी भी कोल निर्माण करेगा। इस कोल का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए होगा। इस सप्ताह के अंत तक एनटीपीसी और नगर निगम के बीच अनुबंध की तैयारी पूरी हो गई है। प्लांट में कचरे को ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए काम होगा।
इलेक्ट्रिक क्रीमैटोरियम भी लगेगा
शहर में यहां- वहां मृत पाए जाने वाले पशु और स्लॉटर हाउस से निकलने वाला वेस्ट अभी नगर निगम के साधारण कचरे के साथ ही आदमपुर छावनी पहुंच जाता है। लेकिन अब इसके निपटारे के लिए आदमपुर छावनी में इलेक्ट्रिक क्रीमैटोरियम स्थापित किया जाएगा। एक साल के भीतर इसके स्थापित होने की उम्मीद है।
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