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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान:कोरोना के खिलाफ युद्ध स्तर पर संघर्ष जारी

 इंदौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ युद्ध स्तर पर संघर्ष जारी है। संक्रमित भाई-बहनों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है। राज्य शासन की दोहरी रणनीति हैजिसमें एक ओर संक्रमण को बढ़ने से रोका जा रहा हैवहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने आज भारत-ओमान रिफाइनरीज लिमिटेडबीना के समीप बनाए जा रहे अस्थाई अस्पताल का निरीक्षण किया।

            उल्लेखनीय है किकोरोना संक्रमितों के उचित उपचार तथा संक्रमित व्यक्तियों को पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था के उद्देश्य से बीओआरएल (भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड) के पास करीब पाँच सौ मीटर की दूरी पर ग्राम चक्क (आगासोद) में एक हजार पलंग की क्षमता वाला एक अस्थाई अस्पताल बनाया जा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा निर्देश दिए गए थे कि इस दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य प्रारंभ किया जाए। इसकी समीक्षा करने मुख्यमंत्री श्री चौहान मंगलवार दोपहर स्वयं बीना पहुँचे जहाँ उन्होंने अस्पताल स्थल पर संपूर्ण कार्य-योजना को समझा तथा प्रोजेक्टले-आउट और अन्य तैयारियों की जानकारी ली।

            कोविड संक्रमितों के इलाज हेतु ग्राम चक्क में बन रहे इस अस्पताल में अन्य सुविधाओं के साथ मुख्य रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। बीना रिफाइनरी के ऑक्सीजन प्लांट से इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में परिवर्तित कर रिफाइनरी से अस्थाई अस्पताल तक मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार बनी रहेगी।

*हवापानी की उत्तम व्यवस्था और आग से बचाव का हो विशेष ध्यान*

            मुख्यमंत्री चौहान ने बीओआरएल में समीक्षा बैठक भी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि अस्पताल निर्माण में हवापानी की उत्तम व्यवस्था हो और आग से बचाव का विशेष ध्यान रखा जाये। रिफाइनरी के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बीओआरएल के वॉटर सोर्स से करीब 4 हजार मीटर की पाईप लाईन द्वारा हॉस्पिटल डोम तक पानी पहुँचाया जायेगा। बीओआरएल में 12 लाख लीटर पानी की क्षमता के डववेल हैं। एक अनुमान के अनुसार लगभग 135 लीटर पानी प्रतिदिन प्रति मरीज दिया जा सकेगा।

            मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि अस्थाई अस्पताल के लिए डॉक्टरपेरामेडिकल स्टॉफचतुर्थ वर्गीय कर्मचारी आदि बाहर से आएँगे। अत: उनके रुकने का अच्छा इंतजाम किया जाए और तत्काल 100 बिस्तरों का अस्पताल तैयार कर उसका प्रारंभिक परीक्षण कराया जाये।

            मुख्यमंत्री चौहान ने कहाचूँकि मरीज ज्यादा चल नहीं सकताअत: उसकी सुविधा के लिये शौचालय ज्यादा दूर नहीं होना चाहिए। अस्पताल के पास में ही लैब होना चाहिए। उन्होंने बिजली लाइन के लिए सब स्टेशन तत्काल तैयार करने और निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

*डीआरडीओ और अहमदाबाद की टीम से मिल रहा आवश्यक सहयोग*

            मुख्यमंत्री चौहान ने बताया किअस्थाई अस्पताल के सेटअप तथा बीओआरएल से अस्थाई अस्पताल तक ऑक्सीजन सप्लाई के लिए डीआरडीओ से आवश्यक तकनीकी सहायता मिल रही है। ऑक्सीजन पाइप-लाइन के लिये अहमदाबाद की टीम का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा किऑक्सीजन पाईप लाइन अस्पताल परिसर के डोम तक आयेगी। अतः कम्प्रेशर आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाये। बैठक में जानकारी दी गई कि बीओआरएल से अस्पताल के डोम तक कॉपर पाईप के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई कर मरीजों तक पहुँचाई जाएगी।

*एक ओपीडी बनाएँ जिससे मरीज परामर्श ले सकें*

            मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए किअस्पताल परिसर में एक ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) भी बनाई जाएजिससे मरीज परामर्श ले सकें और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें भर्ती किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल से सागरविदिशारायसेन और बुंदेलखंड के मरीज लाभान्वित होंगे।

            मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि कोविड से संघर्ष के इस दौर में जरुरत देखते हुए मध्यप्रदेश की सजग सरकार को बीना रिफाइनरी का विकल्प मिलाजहाँ ऑक्सीजन उपलब्ध है। चूँकि इसे दूसरी जगह ले जाना कठिन है अतः यहाँ अस्पताल बनाने का निर्णय किया गया। उन्होंने कहा कि जल्द ही कोरोना पेशेंट्स का यहाँ इलाज शुरू किया जायेगा। उन्होंने अस्पताल से संबंधित व्यक्तियों के रहनेखानेपानीसफाईवाहन व्यवस्थामेडिकल स्टॉफपेरामेडिकल स्टॉफ आदि की व्यवस्था पर भी विस्तार से चर्चा की।

            मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान सागर सांसद राजबहादुर सिंहलोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गवराजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूतविधायक सर्वश्री महेश रायउमाकांत शर्माजसपाल सिंहप्रदीप लारियाहरी सिंह सप्रेगौरव सिरोठियासंभागायुक्त मुकेश कुमार शुक्लाकलेक्टर दीपक सिंहपुलिस अधीक्षक अतुल सिंहअन्य जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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